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भारत सबसे आगे, जानें कैसे कर रहा कई नए देशों में Defence Attaches की तैनाती?

भारत सरकार पहली बार कई देशों में डिफेंस अताशे की तैनाती कर रही है. इसका लक्ष्य कूटनीतिक संबंधों और सैन्य डिप्लोमेसी को मजबूत करना और देश के हथियारों के एक्सपोर्ट को बढ़ाने पर सरकार का खास फोकस है. nपोलैंड, आर्मीनिया, तंजानिया, मोजांबिक, जिबूती, इथियोपिया, आइवरी कोस्ट और फिलीपींस में सेना, नौसेना और वायुसेना से 15-16 अताशे को पोस्ट किया जा रहा है. बता दें कि भारत ने रूस, यूके और फ्रांस में अपने बड़े मिशन में तैनात सैन्य अधिकारियों की संख्या में कटौती भी की है.   nडिफेंस विंग्स का किया गठन nरिपोर्ट्स के अनुसार कुछ सैन्य अधिकारियों की नई भूमिका में जॉइनिंग हो चुकी है. अगले चरण में अलग-अलग देशों में पूरी तरह से नई डिफेंस विंग्स का गठन किया जाएगा. इसमें विशेष फोकस उन देशों पर होगा जहां हथियारों का निर्यात किया जा सकता है, जिसमें अफ्रीका को सबसे ऊपर माना जा रहा है. nभारत स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम्स, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को एक्सपोर्ट करने की कोशिश कर रहा है. अफ्रीकी देशों में तंजानिया, मोजांबिक और आइवरी कोस्ट छोटे लेकिन कूटनीतिक रूप से अहम देश हैं.  nnPhilippines Navy personnel completed operator training of India’s BrahMos missile.The first deliveries of the India’s BrahMos supersonic cruise missiles to the Philippines will begin in 2023-2024. pic.twitter.com/3f258cyDLgn— Anshul Saxena (@AskAnshul) March 5, 2023nnnnहथियारों का एक्सपोर्ट केंद्र nपूर्व सोवियत रिपब्लिक आर्मीनिया भी हथियारों के एक्सपोर्ट के लिए एक प्रमुख केंद्र के तौर पर उभरा है. सूत्रों के अनुसार पहली बार आर्मीनिया में डिफेंस अताशे की तैनाती की जा रही है. इस देश के साथ पिनाका रॉकेट्स, आकाश मिसाइल और एम्युनिशन के एक्सपोर्ट का समझौता हो चुका है. इसके अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता को देखते हुए भारत ने आसियान देशों के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने की पहल भी की है. इसके तहत 2022 में फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की 3 एंटी शिप कोस्टल बैटरीज को लेकर 3126 करोड़ रुपये से ज्यादा की डील हुई थी.   nकिया गया समझौता nब्रह्मोस के इस पहले ऑर्डर के जरिए भारत फिलीपींस के साथ ऐसे अन्य समझौते करने का रास्ता तैयार कर रहा है. इसके अलावा इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे आसियान देशों के साथ भी बात चल रही है. इसके अलावा भारत सिंगल इंजन वाले तेजस लड़ाकू विमान को फिलीपींस, नाइजीरिया, अर्जेंटाइना और इजिप्ट जैसे देशों को एक्सपोर्ट करने की कोशिश भी कर रहा है. हालांकि, इसे लेकर पिछले साल मलेशिया के साथ समझौता असफल हो गया था. मलेशिया ने तेजस फाइटर जेट के बजाय दक्षिण कोरिया के सुपरसोनिक फाइटर जेट KAI FA-50 खरीदने का फैसला किया था जिसे कोरियन एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने बनाया है.  

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