महामृत्युंजय मंत्र का जाप: कितनी बार करना चाहिए और क्यों?

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महामृत्युंजय मंत्र, जिसे शिव मंत्र के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में बेहद पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। ये मंत्र न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि कठिन परिस्थितियों में सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ के लिए भी इसका जाप किया जाता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि इस मंत्र का जाप कम से कम कितनी बार करना चाहिए?

महामृत्युंजय मंत्र का महत्व

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है “मृत्यु को जीतने वाला मंत्र।” इसका जाप भगवान शिव को समर्पित होता है और ये जीवन में आने वाली समस्याओं, बीमारियों और अनहोनी को दूर करने में सहायक माना जाता है। इस मंत्र के नियमित जाप से आध्यात्मिक उन्नति, शारीरिक स्वास्थ्य, और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

जाप की संख्या: कितनी बार करना चाहिए?

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए, ये व्यक्ति की स्थिति और उद्देश्य पर निर्भर करता है। यहां कुछ सामान्य नियम दिए गए हैं:

  1. 108 बार जाप
    हिंदू धर्म में 108 का विशेष महत्व है। माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। ये दैनिक साधना के लिए सबसे सही संख्या है।
  2. 11 माला जाप (1,188 बार)
    अगर किसी गंभीर बीमारी या संकट से छुटकारा पाना हो, तो 11 माला (हर माला में 108 बार जाप) का सुझाव दिया जाता है। ये विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है।
  3. 1,25,000 बार जाप
    किसी विशेष अनुष्ठान या महासंकट निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र का 1,25,000 बार जाप करने की परंपरा है। इसे संपन्न करने के लिए ये जाप एक या अधिक दिनों में किया जा सकता है।
  4. संख्या बढ़ाना
    विशेष परिस्थितियों में जैसे कि परिवार के किसी सदस्य की गंभीर बीमारी, ज्योतिषीय दोष, या बड़े संकट के समय, मंत्र का जाप 5,000, 10,000 या उससे अधिक बार भी किया जाता है।

मंत्र जाप का सही तरीका

  1. पवित्र स्थान: मंत्र का जाप किसी शांत और पवित्र स्थान पर करें।
  2. माला का उपयोग: जाप करने के लिए रुद्राक्ष माला का उपयोग करना शुभ माना जाता है।
  3. संकल्प: जाप से पहले अपने उद्देश्य का संकल्प लें।
  4. आस्था और ध्यान: मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और मन से करें।

क्या आप कम बार भी जाप कर सकते हैं?

यदि समय की कमी है, तो आप महामृत्युंजय मंत्र का 11 बार या 21 बार जाप भी कर सकते हैं। ये भी लाभकारी होता है, लेकिन नियमितता और श्रद्धा अधिक महत्वपूर्ण है।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार दैनिक या 11 माला करके आप जीवन की कठिनाइयों से उबर सकते हैं। ये मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक अद्भुत माध्यम है। श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का जाप करें और सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में अनुभव करें।

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