हमास और इजरायल के बीच जारी जंग को 12 दिन बीत चुके हैं. अरब देश हमास और फिलिस्तीन के समर्थन में आ खड़े हुए हैं, लेकिन दूर से ही. अरब देश इजरायल के खिलाफ हमास के आतंकियों को उकसा जरूर रहे हैं, लेकिन फिलिस्तीनी शरणार्थियों से दूर भाग रहे हैं. हमास से लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं. इसी बीच जॉर्डन ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शरण देने से हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में अब इजरायल ने गाजा में हमास आतंकियों का खात्मा करने के लिए तगड़ा प्लान तैयार किया है.
nजॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने मंगलवार को कहा कि, किसी भी फिलिस्तीनी शरणार्थियों को रखने के लिए जॉर्डन और मिस्र तैयार नहीं है. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसी स्थिति है जिसे गाजा और वेस्ट बैंक के भीतर ही संभालना होगा. आपको इसे दूसरों के कंधों पर उठाने की जरूरत नहीं है.’ जॉर्डन का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इसराइली सेना किसी भी समय उत्तरी गाजा में जमीनी अभियान शुरू कर सकती है.
nदूर से ही दिखा रहे सहानूभीति
nगाजा में रह रहे फिलिस्तीनी लोगों के लिए अरब देश दूर से ही सहानूभीति दिखा रहे हैं. जॉर्डन के राजा ने साफ कर दिया है कि, ये लड़ाई जिसकी है, वो ही लड़े. हम गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता पहुंचा सकते हैं, लेकिन उन्हें शरण नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि, फिलिस्तीनी हमास नहीं हैं और हमास को उनके लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं है.’
nइतिहास में ‘ब्लैक सितंबर’
nजॉर्डन के राजा को प्रोफेट मुहम्मद का वंशज माना जाता है. उन्होंने फिलिस्तीनियों को शरण देने से इसलिए मना किया है क्योंकि जॉर्डन पहले से इसका भुक्तभोगी रहा है. 1967 में इजरायल ने 5 अरब देशों को हराया था. जिसके बाद देश छोड़कर भागे फिलिस्तीनियों को जॉर्डन ने शरण दी थी, लेकिन फिलिस्तीनियों ने जॉर्डन में ही आतंक फैलान शुरू कर दिया. इतना ही नहीं जिस जॉर्डन के राजा ने फिलिस्तीनियों को शरण दी थी उसका ही तख्तापलट करने की कोशिश करने लगे.
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