देश शाहीन बाग बना तो जलियांवाला बाग भी बन सकता है- Sanjay Nirupam

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New Delhi – वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर बिल वापस नहीं लिया गया तो देशभर में शाहीन बाग जैसा प्रदर्शन होगा। इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने AIMPLB के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर पूरा देश शाहीन बाग बन सकता है, तो जलियांवाला बाग भी बन सकता है।” उनका ये बयान तेजी से वायरल हो रहा है और सियासी गलियारों में इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

AIMPLB की धमकी पर BJP और NDA हमलावर

AIMPLB ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अगर सरकार वक्फ संशोधन बिल वापस नहीं लेती है तो देशभर में शाहीन बाग जैसा आंदोलन होगा। इस बयान पर BJP और NDA के नेताओं ने कड़ा विरोध जताया और इसे देश की शांति भंग करने वाला बताया।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में कहा, “अगर पूरा देश शाहीन बाग बन सकता है, तो पूरा देश जलियांवाला बाग भी बन सकता है। ये धमकी देना सही नहीं है और इससे हालात बिगड़ सकते हैं।”

AMU में होली विवाद पर भी बोले संजय निरुपम

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में होली न मनाने के आदेश पर भी संजय निरुपम ने AIMPLB को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी क्या हिंदुस्तान में नहीं है? अगर हिंदुस्तान में रहने वाले लोग होली नहीं मनाएंगे तो कहां मनाएंगे? अगर होली से इतनी दिक्कत है, तो जो लोग इसे नहीं पसंद करते, वे घर में रहें।”

तीन भाषा विवाद पर भी टिप्पणी

तीन भाषा नीति (Three Language Policy) पर जारी विवाद को लेकर संजय निरुपम ने कहा कि तीन भाषाओं की व्यवस्था कोई नई बात नहीं है“ये नीति जवाहरलाल नेहरू के जमाने से लागू है और महाराष्ट्र ने इसे सफलतापूर्वक अपनाया है। दक्षिण भारत के राज्यों को महाराष्ट्र से सीखना चाहिए कि किस तरह तीन भाषाओं को संतुलित तरीके से लागू किया जा सकता है। लेकिन कुछ नेता इसे राजनीतिक फायदा उठाने के लिए मुद्दा बना रहे हैं।”

AIMPLB का बड़ा ऐलान – 17 मार्च को जंतर-मंतर पर धरना

AIMPLB ने घोषणा की है कि 17 मार्च को जंतर-मंतर पर वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरने में कई मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।

बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया, “हमने इस धरने में विपक्षी सांसदों को आमंत्रित किया है, लेकिन तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) जैसे भाजपा समर्थक दलों को न्योता नहीं दिया गया है।”

उन्होंने BJP पर निशाना साधते हुए कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि BJP की सांप्रदायिक राजनीति में उसकी सहयोगी पार्टियां भी शामिल हो रही हैं।”

सियासी घमासान जारी

वक्फ संशोधन बिल पर विवाद अब राजनीतिक लड़ाई का रूप ले चुका है। AIMPLB के बयान से भाजपा, एनडीए और विपक्षी दलों के बीच टकराव बढ़ गया है। संजय निरुपम के बयान के बाद ये मुद्दा और गरमा गया है। आने वाले दिनों में इस पर सियासी हलचल और तेज होने की संभावना है

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