औरंगजेब मामले पर RSS का पहला बयान, सुनकर बिदक जाएंगे कुछ लोग

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RSS Meeting 2025 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने हाल ही में वक्फ संशोधन बिल, औरंगजेब विवाद और परिसीमन (Delimitation) जैसे मुद्दों पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमें ये सोचना होगा कि हम बाहर से आए लोगों को आइकॉन बनाना चाहते हैं या स्थानीय परंपराओं और महानायकों को सम्मान देना चाहिए।

औरंगजेब विवाद पर दो टूक बयान

होसबोले ने कहा कि समाज किसी भी मुद्दे को उठा सकता है, लेकिन ये विचार करना होगा कि किन व्यक्तियों को समाज में आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा, “औरंगजेब मार्ग का नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड किया गया था, लेकिन जो लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं।

वे औरंगजेब को आइकॉन बनाते हैं। उनके भाई के योगदान पर कोई चर्चा नहीं करता। हमें ये तय करना होगा कि बाहर से आए किसी व्यक्ति को आदर्श मानें या अपने देश के वीरों को सम्मान दें।”

वक्फ संशोधन बिल पर क्या बोले?

वक्फ बिल को लेकर होसबोले ने कहा कि सरकार इस मामले में सही दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा, “वक्फ पर क्या निर्णय होगा, ये देखने की बात है। सरकार इस पर विचार कर रही है और आगे की रणनीति तय करेगी।”

परिसीमन और जनगणना पर संघ का रुख

संघ के जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रेय होसबोले ने परिसीमन (Delimitation) पर कहा कि पहले जनगणना (Census) को पूरा होने दिया जाए, फिर इस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, “अगर संघ का कोई व्यक्ति या कार्यकर्ता मैरिट के आधार पर राजनेता नियुक्त होता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। संघ की इस प्रक्रिया में कोई सीधी भूमिका नहीं होती।”

संघ और राजनीति का संबंध

उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ केवल बीजेपी (BJP) के लिए प्रचारक नहीं देता, बल्कि अन्य संगठनों की भी मांग पर प्रचारक भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा, “बीजेपी के अलावा अन्य 35 संगठन भी हमसे प्रचारकों की मांग करते हैं। यदि हमारे पास उपलब्ध होंगे, तो हम जरूर देंगे। संघ सभी संगठनों के संविधान और स्वायत्तता का सम्मान करता है।”

अवैध प्रवासियों पर संघ का स्पष्ट रुख

RSS का रुख अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर पहले से स्पष्ट है। होसबोले ने कहा, “हर प्रतिनिधि सभा में इस मुद्दे का जिक्र करना जरूरी नहीं है, लेकिन सरकार को इसे रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने चाहिए। यह बात संघ लगातार कहता आया है।”

इतिहास के साथ छेड़छाड़ पर प्रतिक्रिया

उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मनिरपेक्षता (Secularism) के नाम पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई। उन्होंने कहा, “अब हिंदू समाज आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए।”

जातिगत आरक्षण और धर्म आधारित कोटा

जातिगत आरक्षण को लेकर होसबोले ने कहा कि ये सभी राज्य सरकारों द्वारा दिया जाता है, लेकिन धर्म आधारित रिजर्वेशन के पक्ष में डॉ. भीमराव अंबेडकर भी नहीं थे। उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। संघ रोज सरकार का आकलन नहीं करता, जनता चुनावों के दौरान इसका मूल्यांकन करती है।”

संघ की 100वीं वर्षगांठ और भविष्य की योजना

होसबोले ने बताया कि हाल ही में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में 1443 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, “नॉर्थ ईस्ट से लेकर कन्याकुमारी और जम्मू-कश्मीर से कार्यकर्ताओं ने इस सभा में हिस्सा लिया। पिछले एक साल के काम की समीक्षा की गई और विजयदशमी के दिन RSS के 100 साल पूरे होंगे।”

उन्होंने कहा कि संघ ने कभी वर्षगांठ नहीं मनाई, लेकिन 100 साल आत्मचिंतन का समय है। इस मौके पर संघ के विस्तार और कार्यकुशलता पर फोकस किया जाएगा।

राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्प

संघ महासचिव ने कहा, “हमारा लक्ष्य समाज तक पहुंचना और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है। इस प्रतिनिधि सभा में एक महत्वपूर्ण संकल्प लिया गया है, जिसके तहत विश्व शांति और समृद्धि के लिए एक समरस और संगठित हिंदू समाज के निर्माण पर जोर दिया जाएगा।”

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