India Pakistan Ceasefire 2025: नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को आखिरकार विराम मिल गया है। दोनों देशों ने आज दोपहर एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत Full and Immediate Ceasefire पर सहमति जताई है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने पुष्टि की कि आज दोपहर 3:35 बजे भारत और पाकिस्तान के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। इसके बाद ये निर्णय लिया गया कि आज शाम 5 बजे से तीनों क्षेत्रों – जल, थल और आकाश में कोई भी सैन्य कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसी के साथ India Pakistan Ceasefire 2025 पर मुहर लग जाती है।
India Pakistan Ceasefire 2025 की शर्तें?
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने India Pakistan Ceasefire 2025 पर अपनी शर्तों के आधार पर सहमति दी है। विदेश सचिव मिसरी के अनुसार, “पाकिस्तान के DGMO ने भारत को फोन कर बातचीत की पेशकश की थी, और इसी चर्चा में ये अहम समझौता हुआ।” इस फैसले से ये स्पष्ट होता है कि भारत इस पूरे संघर्ष में एक डिप्लोमैटिक अपर हैंड के साथ उभरा है। अब 12 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारी आगे की रणनीति पर दोबारा चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि India Pakistan Ceasefire 2025 में पाकिस्तान पर पानी, कारोबार और आर्थिक प्रतिबंध जारी रहेंगे।
India Pakistan Ceasefire 2025 में Trump की भूमिका
India Pakistan Ceasefire 2025 में एक बड़ी भूमिका अमेरिका की बताई जा रही है। US President Donald Trump ने खुद सोशल मीडिया पर ये जानकारी साझा की कि अमेरिका की मध्यस्थता में हुई एक लंबी रात की बातचीत के बाद ये सफलता मिली। उन्होंने कहा:
“After a long night of negotiation, I’m happy to announce that India and Pakistan have agreed to a full and immediate ceasefire.”
ट्रंप के इस बयान के तुरंत बाद पाकिस्तान के डिप्टी PM और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इस युद्धविराम की पुष्टि की और कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, बिना अपनी संप्रभुता के साथ समझौता किए।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 10, 2025
India Pakistan Ceasefire 2025 के पीछ कौन?
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से इस संघर्षविराम के पीछे सबसे अहम भूमिका निभाई NSA अजीत डोभाल (Ajit Doval) और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने। उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्षों से बीते कई दिनों से लगातार बातचीत की थी ताकि सीमा पर तनाव कम किया जा सके और एक शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ा जा सके। ये घटनाक्रम बताता है कि भारत सिर्फ सैन्य ताकत से नहीं बल्कि डिप्लोमैटिक चैनलों से भी अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
किस देश को ज्यादा नुकसान हुआ?
भारत का नुकसान:
- 5 जवान शहीद हुए हैं पिछले दो हफ्तों में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में।
- LOC से लगे गांवों में करीब 20 नागरिक घायल हुए हैं।
- सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचा, जैसे कि स्कूल और सरकारी भवन।
पाकिस्तान का नुकसान:
- 10 से ज्यादा सैनिक मारे गए, भारत की जवाबी कार्रवाई में।
- कई terror launch pads को भारतीय सेना ने निशाना बनाया, जिससे आतंकवादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।
- पाकिस्तान के भीतर आर्थिक दबाव और राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ी है।
यहां तक कि पाकिस्तान की आर्मी को LOC पर भारी लॉजिस्टिक प्रेशर का सामना करना पड़ रहा था।
किसे हुआ फायदा?
भारत को क्या मिला?
- भारत ने अपनी शर्तों पर युद्धविराम स्वीकार करवाया।
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में और मजबूत हुई।
- डिप्लोमैटिक सफलता के रूप में ये Modi सरकार के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है।
- सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
पाकिस्तान को क्या मिला?
- घरेलू दबाव से कुछ राहत मिली, क्योंकि जनता और विपक्ष लगातार सरकार की असफलताओं पर सवाल उठा रहे थे।
- अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचने का मौका।
“Pakistan’s DGMO called Indian DGMO at 15:35 hours earlier this afternoon. It was agreed between them that both sides would stop all firing and military action on land, in the air & sea with effect from 1700 hours IST. Instructions have been given on both sides to give effect to… https://t.co/rEhleUtOXq pic.twitter.com/zUhZ3X0R0g
— ANI (@ANI) May 10, 2025
क्या ये स्थायी शांति की शुरुआत है?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन से पाकिस्तान बौखलाया हुआ था। जिसके बाद पाकिस्तान लगातार भारत पर हमले की नाकाम कोशिश कर रहा था। जिसका भारत की सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान के कई सेना से जुड़े ठिकाने उड़ा दिए। फिलहाल, दोनों देशों ने सिर्फ सीमा पर शांति बनाए रखने की बात की है। किसी भी अन्य मुद्दे जैसे कश्मीर, आतंकवाद या वीजा नीति पर कोई चर्चा नहीं हुई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये युद्धविराम लंबे समय तक बना रहता है, तो आगे Track 2 Diplomacy या Backchannel talks भी शुरू हो सकती हैं।
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आगे क्या होगा?
- 12 मई को दोनों देशों के DGMO फिर से बात करेंगे।
- देखना होगा कि क्या पाकिस्तान इस युद्धविराम का पालन करता है या नहीं।
- भारत की नजर LOC और IB (International Border) दोनों पर बनी रहेगी।
सोशल मीडिया रिएक्शन
- X और Instagram पर #IndiaPakistanCeasefire ट्रेंड कर रहा है।
- भारतीय यूजर्स इस फैसले को “Peace with Strength” कह रहे हैं।
- वहीं पाकिस्तानी यूजर्स ने इस कदम को “मजबूरी में लिया गया फैसला” बताया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ ये युद्धविराम केवल सीमा पर गोलीबारी रोकने का फैसला नहीं है, बल्कि ये एक बड़ा डिप्लोमैटिक मोमेंट है, खासकर भारत के लिए। अब देखना होगा कि ये शांति कितनी स्थायी रहती है और क्या ये दोनों देशों के संबंधों में नई शुरुआत का रास्ता खोलेगी।



