चंडीगढ़ – देशभर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण (Corona) ने रफ्तार पकड़ ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, देश में फिलहाल 7,400 से ज्यादा एक्टिव केस मौजूद हैं। सबसे ज्यादा मामले गुजरात, केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं। इसी बीच पंजाब सरकार ने एहतियात के तौर पर एक नई एडवाइजरी जारी की है जिसमें लोगों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।
इसके साथ ही पंजाब की मान सरकार ने अस्पतालों में कोरोना से लड़ने की तैयारी भी तेज कर दी है। अस्पतालों में Oxygen समेत, तमाम जरूरी मशीनों का इंतजाम किया जा रहा है। रिपोर्ट बताती हैं कि, मान सरकार नहीं चाहती जनता को कोरोना से किसी भी तरह का नुकसान हो। साथ ही गांव-गांव में Aam Aadmi Mohalla Clinic को भी इस जंग के लिए तैयार किया जा रहा है। ताकि गांव के लोगों को शुरुआती स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
कोरोना क्या है? (What is Corona)
कोरोना एक संक्रामक रोग है जो SARS-CoV-2 वायरस की वजह से होता है। ये बीमारी सबसे ज्यादा किसी बीमार यानि संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक या फिर रोगी के संपर्क में आने की वजह से फैलता है। कोरोना कई लक्षण हैं। जैसे- बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में परेशानी और खाने का स्वाद या किसी भी तरह की गंध का चले जाना शामिल हैं। ज्यादा गंभीर कोरोना होने पर ये फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और जानलेवा हो सकता है।
देश में क्या है कोरोना का हाल?
भारत में वर्तमान में कोरोना के 7,400 से अधिक सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें:
- गुजरात: 1437
- केरल: 2109
- दिल्ली: 672
- महाराष्ट्र: 613
- कर्नाटक: 527
- पश्चिम बंगाल: 747
- उत्तर प्रदेश: 248
- तमिलनाडु: 232
- राजस्थान: 180
- मध्य प्रदेश: 120
- हरियाणा: 97
- आंध्र प्रदेश: 102
इन राज्यों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही हैं।
पंजाब की सरकार की एक्शनत जारी एडवाइजरी
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।
एडवाइजरी में मुख्य बिंदु:
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें
- खांसते या छींकते समय मुंह ढकें
- बुखार या खांसी होने पर खुद को आइसोलेट करें
- डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें
सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष सतर्कता बरतने और नियमित रूप से सैनिटाइज़र का प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लगाई गई है, लेकिन संक्रमण की रफ्तार बढ़ने पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

कोरोना से बचाव के उपाय
- मास्क पहनें – विशेष रूप से बंद जगहों और सार्वजनिक स्थानों पर।
- सामाजिक दूरी बनाए रखें – अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें।
- हाथों को बार-बार धोएं – साबुन या सैनिटाइज़र से।
- टीकाकरण कराएं – बूस्टर डोज़ जरूर लें।
- खुद को आइसोलेट करें – लक्षण दिखने पर तुरंत अलग हो जाएं।
- पोषण का ध्यान रखें – इम्युनिटी बढ़ाने वाले आहार लें।
छोटी जागरूकता और की भूमिकता
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए न केवल सरकार बल्कि आम लोगों की जिम्मेदारी भी बहुत अहम है। अगर लोग नियमों का पालन करेंगे और मास्क, सैनिटाइज़र का नियमित उपयोग करेंगे, तो संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है।
नई लहर भले ही उतनी घातक न हो, लेकिन इसे हल्के में लेना बड़ी भूल हो सकती है। हमें सतर्क रहना होगा और हर दिशा-निर्देश का पालन करना होगा। कोरोना से लड़ाई अब भी जारी है, और इसमें जीत तभी संभव है जब हर नागरिक जिम्मेदारी से पेश आए।
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भारत में कोरोना से मौत
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना से 5.3 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है (2020-2023 के बीच)।
- स्वास्थ्यकर्मियों की मौत भी बड़ी संख्या में हुई — खासकर डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स संक्रमित हुए।
भारत में Corona से आर्थिक नुकसान
- भारत की GDP में 2020-21 में 7.3% की गिरावट दर्ज की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक थी।
- एक रिपोर्ट के अनुसार, इसकी पहली और दूसरी लहर में भारत को कुल $200 बिलियन (लगभग ₹16 लाख करोड़ रुपये) तक का आर्थिक नुकसान हुआ।
- लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं — खासकर छोटे उद्योग, होटल, पर्यटन, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट और निर्माण क्षेत्र में।
- असंगठित क्षेत्र (daily wagers, मजदूर) सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।
अस्पतालों पर कोरोना का असर
- 2021 की दूसरी लहर (डेल्टा वेरिएंट) के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी। हजारों मरीज अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन के लिए संघर्ष करते नजर आए।
- स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई — ICU बेड्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, दवाइयों की भारी किल्लत हुई।
- बड़ी संख्या में लोग मानसिक तनाव, अवसाद, एंग्जायटी का शिकार हुए।
कोरोना से शिक्षा को नुकसान
- कोरोना की वजह से भारत के स्कूल-कॉलेज करीब 18-20 महीने तक बंद रहे।
- करोड़ों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई — खासकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में जहां ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं थी।
- लाखों बच्चों की स्कूल ड्रॉपआउट की घटनाएं बढ़ीं।
कोरोना से MSMEs को नुकसान
- भारत के 6.3 करोड़ MSMEs में से करीब 30% से अधिक छोटे व्यापार स्थायी रूप से बंद हो गए।
- टूरिज़्म, हॉस्पिटैलिटी, एविएशन, इवेंट इंडस्ट्री को 100% तक की गिरावट का सामना करना पड़ा।



