Israel Attack Iran : सोचकर यकीन नहीं होता लेकिन हालात लगातार बिगड़े जा रहे हैं। ईरान और इजरायल के बीच तनाव तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। हम आपको ताजा हमले के बारे में बताएं, उससे पहले कुछ अहम बातें आपके सामने रखते हैं।
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने सोमवार सुबह एक बड़े पैमाने का हवाई अभियान चलाया, जिसमें 50 से ज्यादा लड़ाकू विमानों को तैनात किया गया। ये हमले तेल की राजधानी तेहरान में किए गए, और इनका मुख्य उद्देश्य था ईरान की सैन्य व रक्षा क्षमताओं को बुरी तरह से कमजोर करना। IDF का दावा है कि ये हमला उन्नत खुफिया सूचना पर आधारित था, जिसमें कई महत्वपूर्ण रक्षा व बज़्फ केंद्र निशाने पर लिए गए।
हमले के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर तेजी से चर्चा हो रही है। जहां कुछ लोग खुलकर ईरान का समर्थन कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग इजरायल का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन इस बीच अमेरिका की कार्रवाई ने पुरी दुनिया को हैरान कर रही है। इसे लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा और तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर Israel Attack Iran के नाम से अपने विचार साझा कर रहे हैं।
🎯 A List of Targets Struck in Iran This Afternoon:
1. Command centers and assets belonging to the IRGC and internal security forces
2. 𝗕𝗮𝘀𝗶𝗷 𝗛𝗲𝗮𝗱𝗾𝘂𝗮𝗿𝘁𝗲𝗿𝘀- One of the IRGC’s central armed bases of power; responsible for enforcing Islamic law and reporting…— Israel Defense Forces (@IDF) June 23, 2025
Israel Attack Iran : निशाना कौन?
Israel Attack Iran में आखिर ईरान के किन इलाकों पर हमला किया गया। ये सवाल हर किसी की जुबान पर है। लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि, आखिर ईरान को कितना नुकसान पहुंचाया गया? तो चलिए आज VK News आपके सामने वो अहम ठिकानों की जानकारी देने जा रहे हैं।
- IRGC (ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) के मुख्यालय – जिसमें ‘थरल्लाह’ मुख्यालय और ‘सैयद अल-शहादा ब्रिगेड’ शामिल हैं, जो आंतरिक सुरक्षा व इंटेलिजेंस के लिए जिम्मेदार थीं।
- बसीज हेडक्वार्टर – ये ठिकाना शरिया कानून के उल्लंघन की सूचना चलाने और निषेधात्मक गतिविधियाँ रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
- अल्बोरज कोर – जो कई आसपास के शहरों की रक्षा दर्शाता है, यहाँ भी बड़ा नुक़सान हुआ।
- इसके अलावा, 6 एयरबेस जमीनी स्तर व अंडरग्राउंड संरचनाओं सहित निशाने पर थे; F‑14, F‑5 और AH‑1 जैसे वाशुल विमान भी तबाह हुए।
इस हमले के पीछे की रणनीति क्या है?
- मिशन और टारगेट: आतंरिक सुरक्षा संरचनाएं, मिसाइल स्टोरेज, राडार प्लांट, और एयरडिफेंस सिस्टम को कमजोर करना।
- सैन्य क्षमता प्रभावित करना: ईरान की आतंरिक सुरक्षा और लड़ाई में शामिल होने की संभावनाओं पर अंकुश लगाना।
- संदेश देना: इजरायल सुरक्षा व संकल्प में कट्टर है — गाज़ा और ईरान दोनों जगह उसी स्तर की कार्रवाई जारी रखेगा।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बयान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उच्च स्वर में कहा: “ईरान और गाज़ा दोनों में हम पूरी ताकत से काम करेंगे और अपना अभियान तब तक नहीं रोकेंगे जब तक अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते” उनके अनुसार, “हमारी कार्रवाई ऐतिहासिक स्तर की है और इसे कोई नहीं रोकेगा।” (Israel Attack Iran)
ईरान की प्रतिक्रिया: होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का निर्णय?
- हमले के तुरंत बाद ईरानी संसद में होर्मुज स्ट्रेट बंद करने का प्रस्ताव आया, ताकि दुनिया के प्रमुख तेल मार्गों में बाधा उत्पन्न कर सके।
- हालांकि यह निर्णय आज़ी लेकिन ये राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अंतिम मंज़ूरी पर निर्भर है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और संभावित असर
1. वैश्विक ऊर्जा बाज़ार पर असर:
- होर्मुज बंद होने की आशंका से तेल की कीमतों में उछाल, जिससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य प्रभावित हो सकता है।
2. मध्य-पूर्व में तनाव:
- क्षेत्र के देश जैसे ईराक, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और खाड़ी राष्ट्र सुरक्षा चिंताओं को लेकर सतर्क हो गए हैं।
- अमेरिका, नाटो, यूरोपीय संघ मध्य-पूर्व में स्थायित्व बनाए रखने में जुटेंगे।
3. युद्ध जोखिम बढ़ा:
- ओपन स्काई वॉर यानी खुला युद्ध अब अधिक संभावना बन चुका है — केवल ड्रोन या सीमित कार्रवाई नहीं रह गई।
4. मानवतावादी संकट:
- गाज़ा के अलावा ईरानी नागरिकों के लिए भी आपात स्थिति बन सकती है — भोजन, पानी, बाहरी संपर्क की कमी उत्पन्न हो सकती है।
क्या ये इजरायल के ‘अगले लक्ष्य’ का संकेत है?
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वे फोर्डो (Fordow) जैसी डब-डाउन परमाणु सुविधा को निशाने पर ले सकते हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका इसके लिए पीछे है — B‑2 जैसे स्टील्थ विमानों से सैन्य कार्रवाई की राह पर अग्रसर है।
क्या ये नया युद्ध का आरंभ है?
बहुत से विश्लेषणकार मानते हैं कि इजरायल का लक्ष्य सिर्फ सैद्धांतिक पलटवार नहीं, बल्कि ईरान से स्थायी सैन्य कार्रवाई की शुरुआत है। हालाँकि वैश्विक दबाव, न्यूक्लियर डिप्लोमेसी और डैगलोबलाइजेशन के चलते पूरी दुनिया युद्ध नहीं चाहती। अभी डिप्लोमैटिक रास्ता खुला है, लेकिन विमान-राज्य की गतिविधियों ने साबित कर दिया है कि जोखिम अब चारों ओर फैल चुका है।
ये भी पढ़ें – FASTag Annual Pass भारत में हुआ शुरू, मिलेंगे 5 बड़े फायदे
इजरायल ने ईरान पर बड़ा आक्रमण (Israel Attack Iran) शुरू किया है, जिसमें इंटेलिजेंस, सैन्य और सुरक्षा केंद्र निशाने पर हैं। प्रधानमंत्री नेतन्याहू साफ़ कर चुके हैं: ये अभियान तब तक चलेगा जब तक लक्ष्य पूर्ण नहीं होता। विश्व स्तर पर ऊर्जा, राजनीति और सैन्य दिशा प्रभावित होगी। वैश्विक प्रतिक्रिया पर सबकी नज़र है — शांति डिप्लोमेसी होगी या युद्ध?



