VB G RAM G क्या है ? जानिए कैसे मिलेंगे 125 दिन के पैसे ?

VB G RAM G में कृषि सीजन को लेकर भी एक संतुलित व्यवस्था की गई है। बुवाई और कटाई के समय 60 दिन का विशेष संतुलन रखा जाएगा।
VB G RAM G VK News

नई दिल्ली : VB G RAM G 2025 को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। लेकिन इसका एक सीधा कनेक्शन MGNREGA के साथ जुड़ा हुआ है। दरअसल, ग्रामीण रोजगार से जुड़ी देश की सबसे बड़ी योजना MGNREGA अब एक बड़े बदलाव के चरण में पहुंच चुकी है।

सरकार ने इस योजना को नया ढांचा देते हुए VB G RAM G मतलब The Viksit Bharat—Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) 2025 के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।

सरकार का तर्क है कि ग्रामीण भारत पिछले दो दशकों में तेजी से बदला है। इसी वजह से 2005 में बने कानून को आधुनिक जरूरतों के अनुसार अपडेट करना जरूरी हो गया था।

VB G RAM G क्या है ?

VB G RAM G दरअसल MGNREGA का ही आधुनिक और सुधारित रूप माना जा रहा है। सरकार के अनुसार, इसका उद्देश्य रोजगार गारंटी को कमजोर करना नहीं है।

बल्कि, इसे ज्यादा पारदर्शी, जवाबदेह और टिकाऊ बनाना मुख्य लक्ष्य बताया गया है। VB G RAM G को एक संरचनात्मक सुधार के तौर पर पेश किया गया है।

100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन की रोजगार गारंटी

अब तक MGNREGA के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिलता था। VB G RAM G के तहत इस सीमा को बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।

सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण मजदूरों की वार्षिक आय में बढ़ोतरी होगी। अनुमान के अनुसार, यह बदलाव लगभग 25 प्रतिशत अधिक आय सुनिश्चित कर सकता है।

रोजगार का कानूनी अधिकार रहेगा पहले जैसा

सरकार ने साफ किया है कि रोजगार का कानूनी अधिकार पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। VB G RAM G में इस अधिकार को हटाया नहीं गया है।

यदि किसी राज्य में काम उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो बेरोजगारी भत्ता अनिवार्य रहेगा। ये नियम पहले भी लागू था और अब भी जारी रहेगा।

VB G RAM G में पारदर्शिता को क्यों बनाया गया मुख्य आधार

पिछले कुछ वर्षों में MGNREGA को लेकर कई राज्यों से अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। इसी कारण VB G RAM G में पारदर्शिता को केंद्र में रखा गया है।

अब योजना में AI आधारित fraud detection system को शामिल किया गया है। इसके साथ GPS और मोबाइल monitoring को भी अनिवार्य बनाया गया है।

Real-time monitoring और digital सिस्टम

VB G RAM G के तहत real-time MIS dashboard की व्यवस्था की गई है। इससे केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर तुरंत निगरानी संभव होगी। इसके अलावा, weekly public disclosure की व्यवस्था भी लागू की गई है। साथ ही, साल में दो बार social audit को अनिवार्य कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल के 19 जिलों में सामने आए fraud

MGNREGA में loopholes का बड़ा उदाहरण पश्चिम बंगाल के 19 जिलों में सामने आया था। यहां कई जगह ऐसे काम दिखाए गए, जो वास्तव में मौजूद नहीं थे।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में 193.67 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई। इसके अलावा, कई राज्यों में monitoring systems को bypass करने के मामले भी सामने आए।

क्यों जरूरी समझा गया नया कानूनी ढांचा

सरकार का कहना है कि MGNREGA की समस्याएं केवल प्रशासनिक नहीं थीं। ये समस्याएं धीरे-धीरे संरचनात्मक रूप ले चुकी थीं।

डिजिटल भुगतान और आधार आधारित सिस्टम के बावजूद irregularities बनी रहीं। इसी वजह से VB G RAM G जैसा नया ढांचा जरूरी बताया गया।

ग्रामीण भारत में बदली सामाजिक और आर्थिक स्थिति

2005 के बाद ग्रामीण भारत में कनेक्टिविटी और डिजिटल पहुंच काफी बढ़ी है। साथ ही, गरीबी दर में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गरीबी 25.7 प्रतिशत से घटकर 4.86 प्रतिशत रह गई है। इन बदलावों के अनुसार रोजगार योजना में सुधार जरूरी माना गया।

Targeted planning पर जोर

MGNREGA का open-ended मॉडल समय के साथ outdated माना जाने लगा था। VB G RAM G में अब targeted और planned approach अपनाई जा रही है।

Viksit Gram Panchayat Plans के तहत काम पहले से तय किए जाएंगे। इससे काम की गुणवत्ता और उपयोगिता दोनों बेहतर होने की उम्मीद है।

कृषि सीजन को ध्यान में रखकर 60 दिन का संतुलन

VB G RAM G में कृषि सीजन को लेकर भी एक संतुलित व्यवस्था की गई है। बुवाई और कटाई के समय 60 दिन का विशेष संतुलन रखा जाएगा।

इसका उद्देश्य किसानों के लिए labour shortage से बचाव करना है। साथ ही, artificial wage inflation को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

किसानों और मजदूरों दोनों के हित का दावा

सरकार का कहना है कि इस मॉडल से किसान और मजदूर दोनों को लाभ मिलेगा। मजदूरों को अधिक दिनों का रोजगार मिलेगा। वहीं, किसानों को कृषि सीजन में पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध रहेंगे। इससे खाद्य कीमतों पर दबाव कम होने की उम्मीद जताई गई है।

VB G RAM G के तहत funding model को लेकर भी सवाल उठाए गए। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि यह मॉडल पहले से मौजूद है। 60:40 Centre-State funding व्यवस्था जारी रहेगी। उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए 90:10 का पैटर्न बना रहेगा।

जवाबदेही बढ़ाने पर जोर

सरकार के अनुसार, shared funding से जवाबदेही और बेहतर होगी। इससे राज्यों की भूमिका और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेंगी। ये मॉडल NITI Aayog की सिफारिशों पर आधारित बताया गया है।
लक्ष्य implementation को अधिक efficient बनाना है। पानी और infrastructure को प्राथमिकता दी गई है।

VB G RAM G में durable assets के निर्माण पर खास फोकस किया गया है। पानी से जुड़े कार्यों को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। Mission Amrit Sarovar के तहत 68,000 से अधिक जलाशयों का निर्माण हो चुका है। इससे groundwater recharge और multi-season farming को बढ़ावा मिला है।

सड़क और भंडारण से ग्रामीण आय पर असर

ग्रामीण सड़कों से बाजार तक पहुंच आसान होती है। VB G RAM G में storage और livelihood assets पर भी जोर दिया गया है। सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण आय में स्थायी वृद्धि होगी। योजना को long-term development से जोड़ा गया है।

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डिजिटल Attendance और भुगतान प्रणाली

VB G RAM G के तहत attendance और wage payment पूरी तरह digital हैं। लगभग 99.94 प्रतिशत भुगतान सीधे बैंक खातों में किए जा रहे हैं। आधार और biometric verification से wage theft पर रोक लगाने का दावा किया गया है। सरकार इसे transparency की दिशा में बड़ा कदम बता रही है।

सरकार ने कहा है कि ग्राम पंचायतें योजना का केंद्र बनी रहेंगी। Viksit Gram Panchayat Plans स्थानीय स्तर पर ही तैयार किए जाएंगे। इससे स्थानीय जरूरतों के अनुसार काम तय किए जा सकेंगे। केंद्र सरकार के अत्यधिक हस्तक्षेप से बचने की बात कही गई है।

VB G RAM G को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया

VB G RAM G को लेकर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है। कुछ विपक्षी दल इसे MGNREGA को कमजोर करने का प्रयास बता रहे हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि यह abandonment नहीं, modernization है। सरकार का दावा है कि रोजगार गारंटी पहले से ज्यादा मजबूत हुई है।

कुल मिलाकर, VB G RAM G को एक बड़े ग्रामीण रोजगार सुधार के रूप में देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य रोजगार, पारदर्शिता और टिकाऊ विकास को एक साथ आगे बढ़ाना है। हालांकि, इस योजना का असली प्रभाव आने वाले समय में जमीन पर दिखाई देगा। फिलहाल, सरकार इसे ग्रामीण विकास की दिशा में जरूरी कदम मान रही है।

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