इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष को 20 दिन बीत चुके हैं. दोनों तरफ से जारी हमलों में करीब 8 हजार लोगों की जान जा चुकी है. फिलहाल, युद्ध के थमने का कोई आसान नहीं दिख रहा है. इसी बीच इस युद्ध को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. ये खुलासा है, हमास के लड़ाकों को लेकर. जिन्होंने इस युद्ध की शुरुआत की थी. nदरअसल, हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह इजरायल पर हमला किया था. इजरायल पर करीब 7 हजार मिसाइलें दागी गईं. साथ ही आतंकी संगठन के सैकड़ों लड़ाकों इजरायल में घुसे और जमकर तांडव मचाया. लेकिन, इस हमले से पहले हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने ईरान में एक विशेष प्रशिक्षण लिया था. n’द वॉल स्ट्रीट जर्नल ‘ में बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है. अखबार ने इस्राइल पर किए क्रूर नरसंहार के बारे में खुफिया जानकारी से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया कि हमास और फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद के 500 सदस्यों ने पिछले महीने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के नेतृत्व में प्रशिक्षण में भाग लिया था. nइस्राइल हमास की क्रूरता के पीछे लगातार ईरान का हाथ होने का आरोप लगा रहा है. इस्राइल का मानना है कि ईरान की वजह से हमास उच्च तकनीक वाली गाजा सीमा बाड़ को निष्क्रिय करने और अपने विनाशकारी हमले को अंजाम देने के लिए सीमा पार स्ट्रीमिंग करने में सफल रहा है. इसकी वजह से ही आतंकवादी कम से कम 224 लोगों को बंधक बनाने में सफल हो पाए. हालांकि, वहीं ईरान ने हमास के हमले का स्वागत किया है, लेकिन इस बात से इनकार भी किया है कि हमले की योजना में उसकी कोई भूमिका थी. nइजरायली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ईरान ने युद्ध से पहले हमास को प्रशिक्षण, हथियारों, धन और तकनीकी जानकारियों की आपूर्ति के साथ सीधे सहायता प्रदान की थी. उन्होंने कहा, ‘अब भी हमास को ईरान से सहायता मिल रही है. ईरान लगातार आतंकवादियों को इस्राइल की खुफिया जानकारी दे रहा है.’



