कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी पचड़े में पड़ते दिख रहे हैं. दरअसल गृह मंत्री अमित शाह पर की गई राहुल की एक टिप्पणी के सिलसिले में यूपी की एक अदालत ने समन जारी किया है. सुल्तानपुर की सांसद-विधायक (एमपी एमएलए) अदालत ने राहुल को पांच साल पहले 2018 में कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में 16 दिसंबर को तलब किया है.nबीजेपी के पूर्व पार्टी पदाधिकारी और पेशे से वकील विजय मिश्रा ने अपनी शिकायत में राहुल गांधी के 2018 के बयान को लेकर मामला दर्ज कराया है. इसमें शिकायत की गई है कि, राहुल गांधी ने बेंगलुरु में 2018 में गृहमंत्री अमित शाह को “मर्डरर” कहा था. जिसको लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. शिकायत में मांग की गई है कि, राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम दो साल की सजा होनी चाहिए.nइससे पहले सूरत कोर्ट ने भी इसी तरह के मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. कांग्रेस नेता के खिलाफ मोदी सरनेम से संबंधित एक केस में सजा सुनाई गई थी. उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर तलवार लटकने लगी थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राहुल गांधी को राहत मिली और उनकी सदस्यता दोबारा बहाल हुई. ऐसे में इस नए मामले को लेकर कांग्रेस पहले से ही हमलावर हो गयी है.nबीजेपी के लोग रचते रहते हैं साजिश- अशोक गहलोतnकांग्रेस सांसद मानिग टैगरो ने एक ट्वीट में कहा कि, ये राहुल गांधी की आवाज दबानी की कोशिश है. कांग्रेस नेता मानिक टैगोर ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहां है कि. यह लगातार राहुल गांधी की आवाज दबाने की कोशिश है. लेकिन हम इस मामले में झुकने वाले नहीं हैं. nराहुल गांधी को समन भेजे जाने के मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि, बीजेपी के लोग लगातार षड्यंत्र रचते रहते हैं. अब 2024 में इनका षडयंत्र कामयाब नहीं होगा. ये लोग न्यायपालिका पर भी दबाव डालते हैं.nराहुल गांधी को लड़नी पड़ेगी कानूनी लड़ाईnहालांकि, लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने का वक्त बचा है. लेकिन, जिस तरह से समन जारी हुआ है, लिहाजा राहुल गांधी को कानूनी लड़ाई इसमें भी लड़नी पड़ेगी. ऐसे में सूरत के बाद कांग्रेस के कान खड़े होना लाजमी है. कांग्रेस नेता को सूरत की एक निचली अदालत ने जून महीने में दो साल सजा सुनाई थी. इसके तुरंत बाद रहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. बाद में, राहुल गांधी सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट भी गए लेकिन राहत नहीं. बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें राहत मिली और उनकी सदस्यता बहाल की गई.