लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे. nवहीं इस बार उत्तर प्रदेश के चुनावों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. यहां पर समाजवादी पार्टी (SP) जो इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है, उसका प्रदर्शन कैसा होगा, हर कोई इस पर चर्चा कर रहा है. इस बार पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने परिवार के 5 सदस्यों को चुनावी मैदान पर उतारा है. nकौन है अखिलेश यादव के फैमिली के 5 बड़े चेहरे nअखिलेश की पत्नी डिंपल के अलावा धर्मेंद्र, आदित्य और अक्षय यादव पर पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का कार्य प्रभारी है. इस बार अखिलेश ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव कन्नौज की सीट से चुनावी मैदान में उतारा. तेज प्रताप यादव 2014 में मैनपुरी से जीतकर संसद पहुंचे थे. nधर्मेंद्र यादव nSP ने धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ से टिकट दिया है. इस संसदीय क्षेत्र को मुलायम सिंह के समय से ही पार्टी का गढ़ माना जाता रहा लेकिन साल 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी यहां से हार गई थी. nअक्षय यादव nफिरोजाबाद से अखिलेश ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे और चचेरे भाई अक्षय को टिकट दिया है. शिवपाल यादव ने भी अक्षय को फिरोजाबाद से जिताने का संकल्प ले लिया है. nडिंपल यादव nअखिलेश की पत्नी डिंपल यादव इस समय मैनपुरी से सांसद हैं. मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल ने जीत दर्ज की, लेकिन पिछले चुनाव में वह कन्नौज से हार गई थीं. मैनपुरी में SP ने 7 बार जीत दर्ज की है. nआदित्य यादव nबदायूं से पार्टी ने आदित्य यादव को टिकट दिया है. यह वह सीट है जिस पर काफी मतभेद देखने को मिला. पहले पार्टी यहां से धर्मेंद्र यादव को टिकट देना चाहती थी. लेकिन उन्हें आजमगढ़ से टिकट दिया गया. इसके बाद इस सीट से शिवपाल को टिकट मिलना था मगर वह अपनी जगह बेटे के लिए टिकट चाहते थे. ऐसे में अंत में आदित्य के नाम पर रजामंदी बनी. nतेज प्रताव यादव nइस बार अखिलेश ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव कन्नौज की सीट से चुनावी मैदान में उतारा. तेज प्रताप यादव 2014 में मैनपुरी से जीतकर संसद पहुंचे थे. कन्नौज सीट पर न सिर्फ यादव फैमिली की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है बल्कि अखिलेश का करियर भी यहां पर आने वाले नतीजों पर टिका है.