आसक्ति से आस्था तक – खजुराहो

इब्नबतूता ने इसे कजारा कहा, चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इसे ‘चि: चि: तौ’ लिखा, अलबरूनी नेइसे ‘जेजाहुति’ बताया तो चंदबरदाई की कविताओं में इसे ‘खजूरपुर’ कहा गया, एक समय तकइसे ‘खजूरवाहक’ नाम से भी जाना गया लेकिन अब पूरी दुनिया इसे खजुराहो के नाम से जानतीहै।खजुराहो, प्रेम के अप्रतिम सौंदर्य का प्रतिक, आसक्ति से आस्था […]