Corruption Free Punjab : चंडीगढ़ – पंजाब की भगवंत मान सरकार ने एक बार फिर ये साफ कर दिया है कि राज्य में भ्रष्टाचार (Corruption in Punjab) किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी सख्ती के तहत सरकार ने सोमवार को एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए 14 राजस्व अधिकारियों (Revenue Officers) को तुरंत प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया है। इस कार्रवाई में 6 तहसीलदार और 8 नायब तहसीलदार शामिल हैं। ये फैसला राजस्व विभाग (Revenue Department Punjab) में लंबे समय से चल रही अनियमितताओं, लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के आधार पर लिया गया है।
क्या हैं आरोप इन अधिकारियों पर?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, निलंबित अधिकारियों पर निम्नलिखित आरोप लगे हैं:
- कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही
- सरकारी फाइलों में जानबूझकर देरी
- रिश्वतखोरी और फर्जी दस्तावेज तैयार करना
- जमीन संबंधित रिकॉर्ड में हेराफेरी
- Revenue Loss to State exchequer
सरकार ने इस मामले में Zero Tolerance Policy अपनाते हुए साफ कर दिया है कि कोई भी अधिकारी, चाहे वो किसी भी पद पर हो, अगर वो भ्रष्टाचार में लिप्त (Involved in Corruption) पाया गया, तो उस पर तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाएगी। Corruption के खिलाफ भगवंत मान (Bhagwant Mann) की कार्रवाई का असर भी दिखने लगा है। कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचारियों में खलबली मची हुई है तो वहीं जनता राहत की सांस ले रही है।
Corruption में विजिलेंस चीफ भी सस्पेंड
इससे पहले पंजाब सरकार ने एक और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए विजिलेंस ब्यूरो के चीफ सुरिंदर पाल सिंह परमार (SPS Parmar IPS) को भी निलंबित कर दिया है। वो अभी हाल ही में, 26 मार्च 2025 को विजिलेंस के चीफ बनाए गए थे, लेकिन सिर्फ एक महीने के अंदर ही उन्हें पद से हटा दिया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले (Driving License Scam) में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की कोशिश की।
सिर्फ परमार ही नहीं, बल्कि इस मामले में AIG और SSP विजिलेंस को भी सस्पेंड किया गया है। विजिलेंस ब्यूरो के अंदर भ्रष्टाचार की जांच को दबाने की साजिश के आरोपों ने सरकार को कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। जैसे ही मामला मुख्यमंत्री भगवंत मान के सामने आया तुरंत एक्शन शुरू कर दिया गया।
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कौन हैं सुरिंदर पाल सिंह परमार?
- 1997 बैच के IPS अधिकारी हैं।
- पहले वो ADGP (Law & Order), Punjab रह चुके हैं।
- उन्हें पिछली बार जी नागेश्वर राव की जगह नियुक्त किया गया था।
- लेकिन राव को भी सिर्फ 37 दिन बाद हटाया गया था।
- यानी पिछले 2 महीनों में दो विजिलेंस चीफ बदले जा चुके हैं।
ये सब दर्शाता है कि पंजाब सरकार अब अंदर से सफाई (Internal Cleaning of System) के मूड में है। भगवंत मान की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि किसी भी हाल में पंजाब में अब Corruption नहीं चलेगा। जो लोग अभी भी सुधरने के मूड में नहीं हैं उनके खिलाफ न सिर्फ सख्त कार्रवाई होगी बल्कि वो कार्रवाई दूसरों के लिए सबक बनेगा।
क्यों जरूरी है Corruption पर लगाम?
भ्रष्टाचार सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज को अंदर से खोखला करने वाली बीमारी है। जब सरकारी अधिकारी रिश्वत लेकर फैसले लेते हैं, तो आम जनता का भरोसा सिस्टम से उठ जाता है।
- भ्रष्टाचार से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है।
- गरीबों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता।
- भ्रष्ट तंत्र से अवैध कब्जे, जमीन विवाद और न्याय में देरी बढ़ती है।
- युवाओं को नौकरियों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
इसीलिए पंजाब सरकार का ये कदम देशभर में एक नजीर (Example) बन सकता है।
भगवंत मान की Corruption पर चोट
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता में आने के बाद से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ दी है। आइए जानें अब तक उनके 10 बड़े फैसले:
- Anti-Corruption Helpline शुरू की:
जनता सीधे सीएम ऑफिस को व्हाट्सएप पर शिकायत भेज सकती है। - ऑडियो/वीडियो सबूत वाले केस में तुरंत FIR का आदेश।
- विजिलेंस ब्यूरो को स्वतंत्रता:
राजनेताओं और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की छूट। - 300+ सरकारी अफसरों की संपत्ति जांच के आदेश।
- Excise Scam में कई अधिकारियों की गिरफ्तारी।
- Online Property Transfer सिस्टम लागू किया।
- PDS सिस्टम को डिजिटल किया, जिससे राशन में घोटाले रुके।
- Contract Recruitment में पारदर्शिता के नियम लागू।
- RTI एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने का आदेश।
- Public Feedback System तैयार किया गया है।
“अगर कोई रिश्वत मांगे तो मुझे बताओ…” – CM मान
हाल ही में एक जनसभा के दौरान CM Bhagwant Mann ने कहा, “अगर कोई सरकारी अफसर आपसे रिश्वत मांगे, तो आप मुझे सीधे बताएं। मैं खुद कार्रवाई करूंगा।” इस बयान के बाद से जनता में भी उत्साह है और लोग खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं।
एक्शन के Political Impacts क्या होंगे?
- आम आदमी पार्टी की “इमानदार सरकार” की छवि मजबूत होगी।
- Bureaucracy में डर और जवाबदेही बढ़ेगी।
- Opposition को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमले का मौका नहीं मिलेगा।
- 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति में इसे मास्टर स्ट्रोक कहा जा सकता है।
पंजाब में भगवंत मान सरकार का ये कदम सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संदेश है – “भ्रष्टाचार के लिए अब कोई जगह नहीं है।” चाहे वो बड़ा अफसर हो या छोटा क्लर्क, कानून सबके लिए समान है। जनता की भागीदारी, राजनीतिक इच्छाशक्ति, और प्रभावी कार्रवाई ही मिलकर एक साफ़-सुथरा प्रशासन बना सकते हैं। पंजाब इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है – और बाकी राज्यों को इससे सीख लेनी चाहिए।