नई दिल्ली – नगीना से निर्दलीय सांसद Chandrashekhar Azad Ravan पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप लगाने वाली दलित समाज की बेटी Dr. Rohini Ghavari है। रोहिणी ने चंद्रशेखर पर ऐसे खुलासे किए हैं जिसने चंद्रशेखर को परेशानी में डाल दिया है। इतना ही नहीं दलित समाज में चंद्रशेखर को लेकर असमसजस की स्थिती बन गई है। आज VK News इस मामले को आपके सामने रखे जा रहा है। साथ ही आपको डॉ. रोहिणी घावरी का पूरा बयान हम आपको सुनवाएंगे। सबसे पहले जानते हैं कि, चंद्रशेखर आजाद रावण कौन हैं ?
चंद्रशेखर आजाद रावण कौन हैं? (Who is Chandrashekhar Azad Ravan)
- जन्म और शिक्षा
3 दिसंबर 1986 को सहारनपुर, यूपी में जन्मे चंद्रशेखर आजाद रावण ने कानून की पढ़ाई की। - राजनीतिक आरंभ
2015 में ‘भीम आर्मी’ की स्थापना की, जो दलित अधिकारों और मुफ्त शिक्षा की लड़ाई को आगे बढ़ाता है। - लोकसभा सांसद
2024 में उन्होंने ‘आजाद समाज पार्टी’ से नगीना (UP) लोकसभा सीट जीती। उन्हें Time मैगजीन के “100 उभरते नायकों” में भी शामिल किया गया था। - विवादों का सामना
2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था; ये आरोप उन्होंने न्याय से मुक्त होने तक झेला।
डॉ. रोहिणी घावरी कौन हैं? (Who is Dr. Rohini Ghavari)
- शिक्षा एवं पृष्ठभूमि
इंदौर में एक सफाईकर्मी परिवार से आने वाली रोहिणी को सरकार ने PhD के लिए ₹1 करोड़ स्कॉलरशिप दी थी। 2019 में वे स्विट्ज़रलैंड गईं। - अंतरराष्ट्रीय सक्रियता
उन्होंने वहां दलित अधिकारों पर काम करने वाली NGO चलायी और यूएन की बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। - जन पावर फाउंडेशन
भारत में उन्होंने 10,000 से अधिक छात्रों को UPSC, IIT/IIM प्रवेश के लिए मार्गदर्शन दिया।
दोनों के बीच रिश्ता और आरोप
- रणनीतिक साझेदारी
रोहिणी ने 2021 से चंद्रशेखर की चुनाव नींव में भागीदारी की—इसमें प्रचार, रणनीति और दलित सवालों पर अभियान शामिल रहे। - रिश्ते का खुलासा
काम के दौरान विश्वास बढ़ा और वे दोनों व्यक्तिगत रूप से जुड़े, लेकिन बाद में रोहिणी को पता चला कि चंद्रशेखर शादीशुदा हैं। - मानसिक दबाव का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया: “जब मैंने रिश्ता खत्म करना चाहा, तो टूटकर रोया और धमकियाँ दी गईं। प्रूफ माँगे गए”—इससे उनका आत्मसम्मान प्रभावित हुआ। - रिश्ते की नैतिक जुड़ाव
रोहिणी ने कहा कि उन्होंने गरीब‑साधारण चंद्रशेखर को पसंद किया था, सांसद न बनने पर उनसे जुड़ी थीं—लेकिन सियासत में इस जुड़ाव को छुपा दिया गया।
चंद्रशेखर रावण ने आज तक नहीं दिया गुलाब का एक फूल, मैंने 50-50 हज़ार रुपए के दिए गिफ्ट: रोहिणी घवारी
जो लोग रोहिणी पर आरोप लगा रहे थे कि ये सब पैसों के लिए कर रहे हैं उनको अब रोहिणी ने जवाब दिया है। pic.twitter.com/duAL73MdSl
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) June 16, 2025
रोहिणी के बयानों का महत्व
- “मैंने गरीब चंद्रशेखर पसंद किया था”
स्विट्ज़रलैंड से Chandrashekhar Azad Ravan ने कहा कि उनके पसंदगी का आधार ईमानदारी था, न कि नेता की पदवी। - आरोप बनाम राजनीति
उन्होंने कहा कि, उन पर पैसों के आरोप लगाए गए, लेकिन उन लोगों में दलित आंदोलन और संघर्ष की कहानी को सुनने की इच्छा नहीं है। - साधारण इंसान संबंध
वो चाहती थी कि वे Chandrashekhar Azad Ravan को नेता और सांसद के बजाय ‘एक आम व्यक्ति’ के रूप में पहचानें—लेकिन उनकी ये इच्छा राजनीति के इर्द‑गिर्द ही घूमती रही।
Chandrashekhar Azad Ravan का जवाब
- उन्होंने मामले की तथ्य आधारित जांच की मांग की और इसे राजनीतिक साल्वांताक का हिस्सा बताया, जबकि अपनी नैतिकता की सफाई दी।
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इस विवाद का दलित राजनीति पर असर
- नेतृत्व में पारदर्शिता
यदि चरित्र पर शक उठाया जाता है, तो दलित समुदाय के विश्वास पर असर होगा। - महिला सम्मान की लड़ाई
दलित आंदोलन में साबित करने वाले महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की बात उठना चिंताजनक है। - सत्ता के साथ नैतिक जिम्मेदारी
नेताओं को निजी और सार्वजनिक जीवन को कैसे संतुलित करना है, ये सवाल खड़ा हो गया है।
ये मामला केवल Chandrashekhar Azad Ravan और रोहिणी के निजी आरोपों का नहीं, बल्कि ये दलित राजनीति, नेतृत्व में नैतिकता और सशक्त महिलाओं के साथ न्याय पर सवाल उठाता है। अरसे तक दलित आंदोलन ने संघर्ष और न्याय की आवाज उठाई है—अब सवाल ये है कि क्या उसके नेता अपनी पर्सनल लाइफ में भी उसी नैतिकता के धरातल पर खरे उतरते हैं? जांच, मीडिया, और दलित वोट बैंक की संवेदनशीलता इस सोच को आगे तय करेगी।
Chandrashekhar Azad Ravan फिलहाल इस विवाद में फंसे हुए हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक खुलकर इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है। लेकिन इतना साफ है कि, आने वाले समय में रोहिणी का मामला Chandrashekhar Azad Ravan के लिए और परेशानी खड़ी कर सकता है। क्योंकि सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से फैल रहा है।



