गुरुवार की रात को ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के लीडर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इसकी पुष्टि पार्टी की नेता आतिशी ने की और कहा कि केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली के सीएम केजरीवाल ही रहेंगे. बता दें, नॉर्थ जिला के डीसीपी मनोज कुमार मीणा के साथ पुलिस फोर्स की बड़ी टीम अरविंद केजरीवाल के आवास पर मौजूद हैं. nऐसे में सीएम के जेल जाने के बाद केंद्रशासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग तेज हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ था. nजब सीएम ने दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा nदरअसल, दिल्ली में पहली और आखिरी बार राष्ट्रपति शासन 14 फरवरी, 2014 से लेकर 11 फरवरी 2015 तक यानी 362 दिन तक राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. इसकी वजह भी अरविंद केजरीवाल ही थे जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराज्यपाल नजीब जंग थे. केजरीवाल ने विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश न करने देने को लेकर उपराज्यपाल पर केंद्र सरकार के वायसराय की तरफ काम करने का आरोप लगाया था. nnअरविंद केजरीवाल कि गिरफ़्तारी हो चुकी हैं !!!केजरीवाल अब इस्तीफ़ा नहीं देंगे !! सरकार जेल से चलेगी नहीं! क्यूँकि संभव नहीं है?उस स्थिति में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगेगा !!केन्द्र शासित प्रदेश है और दिल्ली में आगे से चुनाव नहीं होगा !!!n— Vishnu Bishnoi (@vishnubishnoi1) March 21, 2024nnnnदिल्ली में राष्ट्रपति शासन nदिल्ली में राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 239 AB के तहत लगाया जाता है. यहां अनुच्छेद 356 लागू नहीं होता, क्योंकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. राष्ट्रपति शासन तब लागू होगा, जब उपराज्यपाल ऐसी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजे कि केंद्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 239 ए के प्रावधानों के तहत बनाए गए कानून के अनुसार सरकार नहीं चलाई जा सकती. nक्या है राष्ट्रपति शासन? nराष्ट्रपति शासन मतलब राज्य सरकार को निलंबित करना या राज्य में सीधे केंद्र सरकार का शासन लागू करने से है. केंद्रशासित प्रदेशों को छोड़ दे तो राज्यों में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू होता है, जिसका समय काल केवल 6 महीने का ही होता है, लेकिन इसे बाद में बढ़ाया भी जा सका है. n



