गुजरात कांग्रेस के सीनियर लीडर रहे अहमद पटेल (Ahmed Patel) के बेटे फैसल पटेल (Faisal Patel) ने पार्टी से ब्रेकअप अनाउंस कर दिया है। उन्होंने X पर पोस्ट करके इसका रीजन भी बताया। फैसल ने लिखा कि वो “दर्द और पीड़ा” की वजह से कांग्रेस छोड़ रहे हैं।
X पर फैसल पटेल का इमोशनल पोस्ट
फैसल पटेल ने लिखा, “बहुत दर्द और पीड़ा के साथ मैंने कांग्रेस के साथ अपने पॉलिटिकल रिलेशन खत्म करने का डिसीजन लिया है। ये कई सालों की कठिन जर्नी रही है। मेरे दिवंगत पिता अहमद पटेल ने अपनी पूरी लाइफ देश, पार्टी और गांधी फैमिली के लिए डेडिकेट कर दी थी। मैंने भी उनके स्टेप्स को फॉलो करने की कोशिश की,
With great pain & anguish, I have decided to stop working for @INCIndia . It’s been a tough journey for many, many https://t.co/Qn2HzURyXw late father @ahmedpatel gave his entire life working for the country, party & the #Gandhi family. I tried following his footsteps but was…
— Faisal Ahmed Patel (@mfaisalpatel) February 13, 2025
लेकिन हर स्टेप पर मुझे इग्नोर किया गया। मैं किसी भी पॉसिबल वे में ह्यूमैनिटी के लिए काम करता रहूंगा। कांग्रेस पार्टी हमेशा मेरे लिए फैमिली की तरह रहेगी। मैं उन सभी कांग्रेस लीडर्स, पार्टी वर्कर्स और शुभचिंतकों को थैंक्यू कहना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया।”
कांग्रेस से अनबन की वजह क्या?
फैसल पटेल का कहना है कि उन्हें काफी टाइम से ऐसा फील हो रहा था कि कांग्रेस उन्हें इग्नोर कर रही है। उनके पिता अहमद पटेल कभी कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के चीफ एडवाइजर हुआ करते थे और उनकी पॉलिटिकल जर्नी में बड़ा नाम था।
2024 में क्यों शुरू हुआ कांग्रेस से डिसएग्रीमेंट?
कांग्रेस और फैसल पटेल के बीच गैप साल 2024 में तब बढ़ा, जब उनके पिता की भरूच लोकसभा सीट कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल की AAP को दे दी। INDIA गठबंधन के सीट-शेयरिंग फॉर्मूले के तहत कांग्रेस ने भरूच और भावनगर सीट आम आदमी पार्टी को एलोकेट कर दी।
तब फैसल पटेल ने मीडिया के सामने अपनी डिससैटिस्फैक्शन जाहिर करते हुए कहा था कि वो किसी भी हालत में लोकसभा इलेक्शन लड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि भरूच सीट कांग्रेस के पास रहती तो पार्टी इसे जरूर जीत सकती थी, क्योंकि उनके पिता के निधन के बाद उन्होंने यहां काफी मेहनत की है।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि भरूच से उनका इमोशनल कनेक्शन है और वो अपने पिता की सीट को ऐसे सिर्फ गठबंधन के नाम पर नहीं छोड़ सकते।