नई दिल्ली – Free Ration Scheme 2025 में केंद्र की मोदी सरकार ने नए बदलाव किए हैं। ये बदलाव देश के हर गरीब के लिए बेहद अहम हैं। मोदी सरकार ने जून 2025 से शुरू होने वाली Free Ration Scheme के अंतर्गत जरूरतमंद लोगों को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस योजना का उद्देश्य National Food Security Act (NFSA) और Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) के तहत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना है।
Free Ration Scheme June 2025 की नई तारीख
मोदी सरकार ने मई 2025 से ही जून, जुलाई और अगस्त 2025 के लिए मुफ्त राशन का वितरण शुरू कर दिया है। सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया है कि वे 31 मई 2025 तक तीन महीने का राशन वितरण सुनिश्चित करें। इसका उद्देश्य मानसून के समय में होने वाली संभावित परिवहन कठिनाइयों से बचना है।
Free Ration Scheme 2025: पात्रता और लाभ
इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित लाभार्थी पात्र होंगे:
- Antyodaya Anna Yojana (AAY) कार्डधारक: प्रति परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति माह।
- Priority Household (PHH) कार्डधारक: प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति माह।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने उन गरीब परिवारों को भी शामिल किया है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, बशर्ते वे निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
राज्यवार स्थिति: कहां क्या हो रहा है?
झारखंड:
झारखंड सरकार ने लगभग 2.88 करोड़ लाभार्थियों को एक साथ तीन महीने का राशन देने की योजना बनाई है। वितरण 1 जून 2025 से शुरू होगा।
मध्य प्रदेश:
यहां 21 मई 2025 से तीन महीने का राशन एक साथ बांटा जाएगा। निर्णय मानसून के समय में परिवहन समस्याओं को ध्यान में रखकर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश:
करीब 15 करोड़ लाभार्थी इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। आधार लिंकिंग, ऑनलाइन आवेदन और पीओएस मशीनों के जरिए वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है।
Free Ration Scheme 2025 की विशेषताएं
- One Nation One Ration Card (ONORC) व्यवस्था से देश में कहीं भी राशन प्राप्त किया जा सकता है।
- 2025-26 के लिए नई आय पात्रता दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
- PMGKAY योजना को दिसंबर 2028 तक विस्तार दिया गया है जिससे 81.35 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।
Free Ration Scheme 2025 सरकार की एक बड़ी पहल है जो गरीब वर्ग को खाद्य सुरक्षा देने के लिए बनाई गई है। समय पर राशन वितरण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर कई मजबूत कदम उठाए हैं। सभी पात्र लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी राशन केंद्र या उचित मूल्य की दुकानों से संपर्क करें और योजना का लाभ लें।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना क्यों ज़रूरी है?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार की एक ऐतिहासिक योजना है, जिसे पहली बार कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य था: गरीब, असहाय और मजदूर वर्ग को मुफ्त राशन प्रदान करना, ताकि महामारी जैसे संकट में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। लेकिन सवाल ये है — क्या ये योजना 2025 में भी उतनी ही ज़रूरी है? क्या भारत में आज भी इतनी गरीबी है कि लोगों को मुफ्त राशन की जरूरत पड़े?
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना क्यों ज़रूरी है?
Free Ration Scheme, खासकर PMGKAY, इसलिए ज़रूरी है क्योंकि:
1. भूख से लड़ने के लिए सीधी मदद
PMGKAY के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज (गेहूं/चावल) दिया जाता है। गरीब परिवारों को महीने में 25-35 किलो अनाज मुफ्त मिल जाता है, जिससे उन्हें भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
2. गरीब वर्ग के लिए राहत
इस योजना ने लॉकडाउन के समय लाखों गरीब परिवारों को भूखमरी से बचाया। 2025 में भी, यह योजना मुद्रास्फीति (महंगाई) से जूझ रहे परिवारों के लिए मददगार साबित हो रही है।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में सहारा
गांवों में अब भी रोज़गार की कमी, कम आय और अशिक्षा के कारण भोजन की कमी देखी जाती है। इस योजना से ग्रामीण भारत को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
4. One Nation One Ration Card की सुविधा से पारदर्शिता
अब लाभार्थी देश में कहीं भी राशन प्राप्त कर सकते हैं। इसका फायदा माइग्रेटेड मजदूरों और गरीब तबके को सीधा मिल रहा है।
क्या PMGKAY को बंद किया जा सकता है?
सरकार ने फिलहाल इसे दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया है, जो यह साबित करता है कि योजना की आवश्यकता आज भी है। जब तक भारत में हर व्यक्ति की आय, पोषण और आजीविका स्थिर नहीं हो जाती, ऐसी योजनाएं अत्यंत आवश्यक हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना आज भी उतनी ही ज़रूरी है जितनी 2020 में थी। जब देश के करोड़ों लोग महंगाई, बेरोजगारी, और अशिक्षा से जूझ रहे हों, तब सरकार की यह पहल भूखमुक्त भारत की दिशा में एक ठोस कदम है। गरीबी अभी भी भारत के विकास में बाधा है, और ऐसी योजनाएं जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचतीं, तब तक उनका विस्तार आवश्यक है।
भारत में गरीबी अभी भी है?
हां, भले ही भारत ने पिछले कुछ दशकों में आर्थिक विकास के कई आयाम छुए हों, लेकिन गरीबी अभी भी एक गंभीर सामाजिक-आर्थिक समस्या बनी हुई है।
मुख्य आंकड़े जो यह बताते हैं कि गरीब अभी भी हैं:
- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 तक भी लगभग 10 करोड़ लोग ऐसे हैं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में आज भी बड़ी संख्या में लोग प्रति दिन 100 रुपये से कम पर गुजर-बसर करते हैं।
- शहरी झुग्गियों, बेघर मजदूरों और भूमिहीन किसानों की हालत आज भी दयनीय है।