Hanuman Jayanti पर पूजा कैसे करें , हनुमान जयंती पर विशेष
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Hanuman Jayanti पर पूजा कैसे करें , हनुमान जयंती पर विशेष

Hanuman Jayanti 2025 : हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है। ये दिन भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में बजरंगबली को संकटमोचक और शक्ति, भक्ति व ज्ञान के प्रतीक माना जाता है।

Hanuman Jayanti पर देशभर के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, हवन, भंडारा और सुंदरकांड पाठ जैसे धार्मिक आयोजन होते हैं। इस वर्ष 2025 में हनुमान जयंती 13 अप्रैल (रविवार) को मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालु बजरंगबली की कृपा पाने के लिए उपवास रखते हैं, मंदिरों में दर्शन करते हैं और घरों में विशेष पूजा का आयोजन करते हैं।

हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?

Hanuman Jayanti का पर्व भगवान हनुमान के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, अंजनी माता और केसरी के पुत्र हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन हुआ था। कुछ मान्यताओं के अनुसार वे भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं। उनका जन्म संकट के समय रामभक्तों की रक्षा हेतु हुआ था।

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हनुमान जी को रामायण में प्रभु श्रीराम के सबसे प्रिय भक्त के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लंका विजय में श्रीराम की भरपूर सहायता की, सीता माता का पता लगाया और भगवान राम का संदेश लंका तक पहुंचाया। उनका चरित्र निःस्वार्थ सेवा, वीरता, भक्ति और ज्ञान का प्रतीक है।

Hanuman Jayanti की पूजा विधि

हनुमान जयंती पर विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान हनुमान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी बाधाओं को दूर करते हैं। यहां जानिए हनुमान जयंती की पूजा विधि:

1. प्रात: काल स्नान और साफ वस्त्र धारण करें।
हनुमान जी को लाल रंग अति प्रिय है, अतः पूजा के समय लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

2. व्रत या उपवास रखें।
कई भक्त इस दिन निर्जल उपवास रखते हैं और संध्या के समय पूजा कर फलाहार लेते हैं।

3. पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

4. भगवान हनुमान को चोला चढ़ाएं।
हनुमान जयंती पर विशेष रूप से चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करना शुभ माना जाता है।

5. पूजा में इन चीजों का उपयोग करें:
लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, तुलसी के पत्ते, गुड़, चना, नारियल, फल और पंचामृत।

6. ‘हनुमान चालीसा’, ‘बजरंग बाण’, ‘सुंदरकांड’ या ‘रामचरितमानस’ का पाठ करें।

7. दीपक और अगरबत्ती जलाकर आरती करें।
हनुमान जी की आरती “आरती कीजै हनुमान लला की…” अवश्य गाएं।

8. प्रसाद वितरण करें:
भोग में बूंदी, लड्डू, गुड़-चना आदि अर्पित कर प्रसाद के रूप में बांटें।

हनुमान जयंती का धार्मिक और सामाजिक महत्व

Hanuman Jayanti केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि ये युवाओं को प्रेरणा देने वाला दिन भी है। भगवान हनुमान की निष्ठा, वीरता और परिश्रम हमें सिखाता है कि कोई भी कार्य असंभव नहीं है यदि मन में विश्वास और नीयत शुद्ध हो।

समाज में कई स्थानों पर इस दिन रक्तदान शिविर, भंडारा, और सामूहिक पूजा-पाठ के आयोजन होते हैं। ये पर्व न केवल भक्ति का संदेश देता है, बल्कि सामूहिक एकता और सेवा भाव को भी प्रोत्साहित करता है।

हनुमान जयंती से जुड़ी कुछ मान्यताएं

  • कहते हैं कि हनुमान जी अमर हैं और आज भी पृथ्वी पर जीवित हैं।
  • मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की विशेष पूजा करने से ग्रह दोष और शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति और बल की प्राप्ति होती है।

हनुमान जयंती न केवल भक्ति और श्रद्धा का पर्व है, बल्कि ये आत्मबल, सेवा और समर्पण का संदेश भी देता है। इस दिन यदि श्रद्धा से पूजा की जाए तो भगवान हनुमान अपने भक्तों को संबल, शक्ति और सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं।

आप सभी को हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!
जय बजरंगबली!

Mohit Singh Chaudhary is a seasoned journalist with over 10 years of experience in the media industry. Throughout his career, he has worked with several reputed news organizations, including India News, Zee News, ANB National, Khabar Fast, Citizen Voice,…

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