Baccho ka Antim Sanskar: अक्सर Hindu funerals में मृतकों का अंतिम संस्कार जलाने (cremation) के जरिए किया जाता है। लेकिन कई बार आपने सुना होगा कि छोटे बच्चों को जलाने की बजाय दफनाया (burial) जाता है। आखिर हिंदू धर्म में ये अलग practice क्यों अपनाई जाती है? आइए, इसके पीछे के कारणों को जानते हैं।
धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं
हिंदू धर्म में ये मान्यता है कि शरीर पंचतत्वों (Earth, Water, Fire, Air, और Space) से मिलकर बना होता है, और मृत्यु के बाद इसे इन्हीं तत्वों में विलीन कर देना चाहिए। आमतौर पर ये अग्नि संस्कार (cremation) से किया जाता है, लेकिन infants और छोटे बच्चों को दफनाने की परंपरा इसलिए है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार, वे अभी तक जीवन-मरण के चक्र (cycle of rebirth) से पूरी तरह नहीं जुड़े होते।
1. पाप और कर्म का सिद्धांत (Law of Karma)
हिंदू धर्म में ये माना जाता है कि जन्म और मृत्यु कर्मों (Karma) के आधार पर होती हैं। छोटे बच्चे अभी किसी भी पाप (sin) या पुण्य (virtue) से प्रभावित नहीं होते, इसलिए उन्हें अग्नि को सौंपने की जरूरत नहीं पड़ती। उनका शरीर सीधा पृथ्वी को समर्पित कर दिया जाता है।
2. आत्मा की शुद्धता (Purity of the Soul)
ऐसा माना जाता है कि छोटे बच्चे निर्दोष होते हैं, उनकी आत्मा (soul) पूरी तरह शुद्ध (pure) होती है। इसलिए उनका दाह संस्कार (cremation) करने की बजाय उन्हें मिट्टी में मिलाने (burial) का रिवाज है ताकि वे प्रकृति (nature) में विलीन हो जाएं।
किन बच्चों को दफनाने की परंपरा है?
- आमतौर पर 5 साल से छोटे बच्चों को दफनाने की परंपरा मानी जाती है।
- अविवाहित संतों (Unmarried Sages) और गर्भ में मृत शिशुओं (Stillborn Babies) को भी कई बार दफनाया जाता है।
- कुछ क्षेत्रों में ये मान्यता है कि छोटे बच्चों की आत्मा जल्दी मुक्ति (salvation) पा लेती है, इसलिए उनके शरीर को अग्नि में जलाने की जरूरत नहीं होती।
क्षेत्रीय मान्यताएं और परंपराएं
- उत्तर भारत (North India): यहां अधिकांशतः छोटे बच्चों को दफनाने की परंपरा देखी जाती है।
- दक्षिण भारत (South India): कुछ जगहों पर छोटे बच्चों को जलाया भी जाता है, लेकिन साधु-संतों को दफनाने की परंपरा अधिक प्रचलित है।
- ग्रामीण भारत (Rural India): कई गांवों में पेड़ों के नीचे बच्चों को दफनाया जाता है, क्योंकि इसे शुभ (auspicious) माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Perspective)
धार्मिक मान्यताओं के अलावा, इसका एक scientific reason भी हो सकता है। छोटे बच्चों के शरीर में वसा (fat) और हड्डियां (bones) पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे उनका पूर्ण रूप से दहन (combustion) नहीं हो पाता। इसलिए प्राचीन काल में उन्हें दफनाने का रिवाज विकसित हुआ होगा।
हिंदू धर्म में छोटे बच्चों को दफनाने की परंपरा धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी हुई है। ये मान्यता है कि उनकी आत्मा शुद्ध होती है, इसलिए उन्हें अग्नि संस्कार (cremation) देने की बजाय धरती को समर्पित करना उचित होता है। हालांकि, क्षेत्र और परिवार की परंपराओं के अनुसार, इस रिवाज में भिन्नता देखने को मिलती है।