How many temples destroyed by Aurangzeb: मुगल शासक औरंगजेब (1658-1707) का नाम Indian History में सबसे ज्यादा controversial शासकों में गिना जाता है। उनका शासनकाल करीब 50 साल तक चला और इस दौरान कई temples के destruction की घटनाएं सामने आईं।
ये सवाल अक्सर उठता है कि आखिर औरंगजेब ने मंदिरों को क्यों तोड़ा? क्या ये सिर्फ religious कट्टरता थी, या इसके पीछे political और economic reasons भी थे? आइए जानते हैं इसके पीछे की historical सच्चाई।
1. Religious कारण
औरंगजेब को एक strict Islamic ruler माना जाता है। कई historians के अनुसार, उसने कुछ temples को इसलिए destroy किया क्योंकि वो Islamic ideology को promote करना चाहता था।
- इस्लामिक beliefs के अनुसार, कुछ temples को गिराकर वहां mosques का construction किया गया।
- काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) और मथुरा के केशवदेव मंदिर को गिराना इस policy का हिस्सा माना जाता है।
- कुछ Islamic scholars के अनुसार, औरंगजेब मूर्तिपूजा को सही नहीं मानता था, इसलिए उसने कुछ religious sites को destroy करवाया।
2. Political रणनीति
औरंगजेब के temple destruction के पीछे सबसे बड़ा reason उसकी political strategy भी थी।
- कई temples सिर्फ religious places ही नहीं, बल्कि Hindu rulers की power और resistance के केंद्र थे।
- जब कोई Hindu राजा औरंगजेब के खिलाफ rebellion करता, तो उस area के बड़े temples को target किया जाता।
- Example के लिए, मारवाड़, मेवाड़ और बंगाल में कई temples इसलिए तोड़े गए क्योंकि वहां Hindu rulers ने Mughals के खिलाफ बगावत की थी।
3. Economic कारण
Temples सिर्फ पूजा स्थल ही नहीं, बल्कि बड़े economic centers भी थे।
- कई temples के पास huge wealth, gold और silver का भंडार था।
- औरंगजेब ने इन temples की wealth को royal treasury में जोड़ने के लिए भी कई मंदिरों को destroy किया।
- इससे उसे army और administration के खर्च के लिए extra funds मिल पाते थे।
4. क्या सभी मंदिर तोड़े गए थे?
ये भी सच है कि औरंगजेब ने सभी temples को destroy नहीं किया।
- राजस्थान और गुजरात के कुछ Jain temples को उसने tax exemptions दी थी।
- South India में कुछ Hindu temples को उसने land grants भी दी थीं।
औरंगजेब द्वारा मंदिरों को गिराने के पीछे religious, political और economic reasons—तीनों ही factors थे। हालांकि, ये कहना गलत होगा कि उसने सिर्फ religion के नाम पर temples को गिराया। कई जगहों पर ये political rebellions को crush करने का एक तरीका भी था।
History को हमेशा एक balanced perspective से देखने की जरूरत होती है। औरंगजेब की policies complex थीं, जिनमें कहीं पर religious intolerance दिखती है तो कहीं political tactics।