5 साल की बेटी रोती रही, लेकिन पिता को मारते रहे बदमाश और फिर

Kanpur Murder Case VK News
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कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक और हत्या का मामला सामने आया है। ये हत्या कानपुर के ही अधिवक्ता राजेश सिंह की हुई है। हत्या का आरोप धीरज तिवारी पर लगा है जिसे एक शातिर क्रिमिनल बताया जा रहा है। लोकल लोगों ने बताया कि वो दो साल पहले ही कोटा जेल से बेल पर रिहा हुआ था।

वहां वो एक मर्डर केस में जेल में बंद था। दिवाली के समय भी पुलिस ने उसे अरेस्ट करके जेल भेजा था। धीरज की वाइफ ने उससे दूसरी मैरिज की है। उसकी पहली पत्नी से दो बेटियां हैं और दूसरी पत्नी से एक बेटा है। इलाकाई लोगों के अनुसार, उसकी पत्नी भी आए दिन किसी न किसी से झगड़ा करती रहती है।

25 लड़कों को बुलाकर मचाया गया हंगामा

इसी तरह एक विवाद के दौरान धीरज की वाइफ ने अपने मायके, साहबनगर, में कॉल करके 25 लड़कों को बुला लिया। ये लड़के आते ही इलाके में हंगामा करने लगे। धीरज और उसकी पत्नी ने खुद ही डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को इन्वॉल्व किया। लेकिन जब पुलिस आई, तो आरोपी ही अपने ऊपर मारपीट और लूटपाट का आरोप लगाने लगे।

गुस्साए लोगों ने घेरा आरोपी का घर

इस विवाद में घायल राजेश की डेथ की न्यूज़ सुनकर उनके पिता गंगा सिंह की तबीयत मंगलवार सुबह अचानक बिगड़ गई। फैमिली मेंबर्स ने उन्हें फौरन पास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। उधर, राजेश की मौत की खबर सुनकर नाराज लोगों ने आरोपी के घर को घेर लिया। पुलिस टीम वहां पहुंची और किसी तरह आरोपी की वाइफ और बच्चों को सेफली निकालकर ले गई।

झगड़े की असली वजह और जानलेवा हमला

राजेश की पत्नी क्षमा ने बताया कि लगातार हॉर्न बजाने पर धीरज ने अब्यूसिव लैंग्वेज यूज करते हुए कहा कि सब मुझे परेशान करने आ जाते हैं। जब राजेश ने इसका विरोध किया, तो दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। इसी दौरान क्षमा गाड़ी से बाहर आई और राजेश का हाथ पकड़कर उसे हटाने लगी। तभी धीरज ने अचानक अपनी बैसाखी उठाई और राजेश के सिर पर कई बार अटैक कर दिया।

मासूम बेटी की पुकार

“पापा को मत मारो, छोड़ दो उन्हें, प्लीज…” सोमवार रात पार्टी से लौट रही पांच साल की स्नेहा अपनी कार में बैठी अपने पिता को पिटते हुए देखती रही और रो-रोकर गुहार लगाती रही। लेकिन क्रिमिनल्स के दिल पर उसकी आवाज का कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार उसकी आंखों के सामने ही उसके पिता की मौत हो गई।

फैमिली मेंबर्स के अनुसार, उस समय स्नेहा कार के अंदर से चिल्ला रही थी। घरवालों ने बताया कि मासूम बेटी इतनी सेंसेटिव है कि अगर उसके पिता को छोटी सी चोट भी लगती, तो वो बेचैन हो जाती। लेकिन अभी तक उसे इस बात का अंदाजा नहीं है कि उसके पापा अब कभी वापस नहीं आएंगे। वो अब भी सोच रही है कि पापा डॉक्टर अंकल के पास गए हैं और जल्द ही लौट आएंगे।