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कंगाली से जुझ रहे कर्नाटक में 15% बढ़ा बस किराया

कर्नाटक में बस यात्रियों को अब अपनी जेबें और ढीली करनी होंगी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने 2 जनवरी, 2025 को राज्य के Government Bus Fares में 15% Hike का फैसला लिया है। इस निर्णय की जानकारी कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने दी।

किराया बढ़ाने की वजह

बस किराए में बढ़ोतरी के पीछे ईंधन की बढ़ती कीमतें और Operational Costs जैसे कर्मचारियों पर खर्च में भारी इजाफा मुख्य कारण बताया गया है।
एचके पाटिल ने कहा, “Operational expenses have significantly increased over the years, including diesel prices and daily employee costs, making this revision inevitable.

9 साल बाद बढ़े बस के किराए

राज्य परिवहन निगम के बस किराए में पिछली बार 10 जनवरी 2015 को बढ़ोतरी की गई थी, जब डीजल की कीमत 60.90 रुपये प्रति लीटर थी।
अब डीजल के दाम और अन्य खर्चों में बढ़ोतरी के कारण बस संचालन की लागत बढ़ गई है।

सरकार का जवाब: बढ़ोतरी क्यों जरूरी थी?

कानून मंत्री ने कहा,

  • “10 साल पहले चारों निगमों की डीजल खपत 9.16 करोड़ रुपये प्रतिदिन थी, जो अब बढ़कर 13.21 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो गई है।”
  • “कर्मचारियों पर खर्च 12.95 करोड़ रुपये प्रतिदिन से बढ़कर 18.36 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो चुका है।”

किन परिवहन निगमों पर पड़ेगा असर?

ये बढ़ोतरी Karnataka State Road Transport Corporation (KSRTC) समेत चार निगमों पर लागू होगी:

  1. KSRTC
  2. North West Karnataka Road Transport Corporation (NWKRTC)
  3. Kalyana Karnataka Road Transport Corporation (KKRTC)
  4. Bangalore Metropolitan Transport Corporation (BMTC)

जनता पर प्रभाव

बस किराए में 15% वृद्धि से यात्रियों की यात्रा लागत पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि ये फैसला सस्टेनेबल ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

 हालांकि ये किसी से छिपा नहीं है कि कर्नाटक कंगाली का सामना कर रहा है। क्योंकि जहां यहां की कांग्रेस सरकार कई बड़े वादे करके बनी थी। इन्हीं वादों को पूरा करने के लिए सरकार को मोटा बजट खर्च करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से कई विभागों के बजट पर असर पड़ा है। यही वजह है कि कभी बिजली के रेट बढ़ाने की बात होती है तो कभी बस के किराये में।  

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