Love Jihad : उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक सिख विधवा महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Love Jihad) का मामला सामने आया है। पीड़ित महिला नगर कोतवाली क्षेत्र में रहती है और एक ब्यूटी पार्लर चलाती है। उसके पति की पांच साल पहले मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद वो अपनी बेटी के साथ अकेले रह रही थी।
प्रेम के बहाने Love Jihad
मुहल्ला जुलाहान निवासी रिजवान नाम के शख्स ने सिख महिला को प्रेम के झांसे (Love Jihad) में फंसाया। उसने निकाह का झूठा वादा करके महिला का धर्म परिवर्तन करवा दिया और उसका नाम भी बदल दिया। तीन महीने तक रिजवान ने महिला के साथ जबरन दुष्कर्म किया, जिससे वो गर्भवती हो गई।
नाबालिग बेटी को निशाना बनाया
इसके बाद आरोपी ने महिला की 17 वर्षीय बेटी को अपना नया शिकार बनाया। पिछले साल 10 अगस्त को जब महिला अपने ब्यूटी पार्लर गई थी, तब रिजवान ने घर में अकेली बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उसने मां-बेटी को जान से मारने की धमकी देकर उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर किया।
छोटे भाई ने भी किया दुष्कर्म
इतना ही नहीं, रिजवान ने अपने छोटे भाई इमरान को भी बेटी के साथ दुष्कर्म करने के लिए उकसाया। दोनों भाइयों ने नाबालिग लड़की पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया और उसे डराया-धमकाया। हालांकि, डर के मारे किशोरी ने आखिरकार अपनी मां को सारी बातें बता दीं।
ये भी पढ़ें- प्रेमी के साथ थी पत्नी, तभी आ गया पति और फिर
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
मामला सामने आने के बाद मां-बेटी ने शहर कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रिजवान और इमरान के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और धर्म परिवर्तन से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अभी तक पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरा फरार है।
भारत में Love Jihad पर कानून
भारत में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई राज्यों में सख्त कानून बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में “धर्म स्वतंत्रता अधिनियम” लागू है, जिसके तहत जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में भी आरोपियों पर ये कानून लागू हो सकता है।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
ये घटना एक बार फिर समाज और कानून व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई और जागरूकता जरूरी है। पुलिस को चाहिए कि वो दूसरे आरोपी को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार करे और पीड़िताओं को न्याय दिलाए।
इस मामले में पीड़ित महिला और उसकी बेटी को मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता की आवश्यकता है, ताकि वे इस दर्दनाक घटना से उबर सकें। साथ ही, समाज को भी ऐसे मामलों में पीड़ितों का साथ देना चाहिए, न कि उन्हें शर्मिंदा करना चाहिए।