मराठा आरक्षण को लेकर जारी प्रदर्शन अब उग्र हो चुका है. बीते दो हफ्तों में आरक्षण की मांग करने वाले 10 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं. सोमवार को बीड में एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंके के आवास को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था. इसके अलावा एक अन्य एनसीपी विधायक के घर पर भी भीड़ ने हमला किया था. ऐसे में सूबे की सरकार थोड़ी एक्टिव दिखने लगी है. इसी का नतीजा है कि, आज (बुधवार को) प्रदेश में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. nमराठा आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक जारी है. इस बैठक में सीएम एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और कई दिग्गज नेता मौजूद हैं. इस बीच उद्धव ठाकरे गुट ने बड़ी मांग कर दी है. शिवसेना (UBT) ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.nमराठा आरक्षण के चलते मंत्रालय के गेट पर विभिन्न पार्टियों के विधायकों का प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में सिर्फ बीजेपी के विधायक शामिल नहीं हैं. मराठा आरक्षण को लेकर एक तरफ सह्याद्रि में सर्वदलीय नेताओं की बैठक हो रही है तो दूसरी तरफ मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए बीजेपी को छोड़कर सभी पार्टियों के विधायक इस वक्त मंत्रालय के गेट पर धरना दे रहे हैं. nमराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए इस मांग को लेकर एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड और रोहित पवार विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठे हैं. मंत्रालय के गेट पर भी इन विधायकों ने ताला लगा दिया है. विधायकों का कहना है कि जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता और विशेष सत्र नहीं बुलाया जाता, तब तक हम अधिकारियों और मंत्रालयों को इस मंत्रालय में प्रवेश नहीं करने देंगे.nक्या है पूरा मामला?nमहाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों मराठा आरक्षण के इर्द-गिर्द घूम रही है. इसको लेकर महाराष्ट्र के अलग-अलग जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. इस पूरे आंदोलन के केंद्र में एक 40 साल का शख्स है, जिसका नाम मनोज जारांगे पाटील है. जारंगे पाटील के अनशन शुरू करने के बाद से यह आंदोलन और विकराल रूप ले लिया है. आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे पाटिल 25 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. जारांगे का कहना है कि, जब तक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, वे अपनी जगह से नहीं हटेंगे.n