महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे ने अपना अनशन तोड़ दिया है. मनोज जारंगे पिछले नौ दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे. महाराष्ट्र के चार मंत्रियों ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मुलाकात की और उनसे नौ दिन से जारी अनशन खत्म करने का अनुरोध किया. जरांगे ने उनकी बात मान ली. साथ ही मनोज जारंगे ने सरकार को 2 महीनों का समय दिया है. nमनोज जारंगे ने कहा कि, जब तक सभी मराठओं को आरक्षण नहीं मिल जाता वो अपने घर में नहीं घुसेंगे. अगर दो महीने में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन का वो नेतृत्व करेंगे. जालना में मनोज जरांगे ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को समय देना चाहिए तो इस पर वहां मौजूद जनता ने ‘हां’ में जवाब दिया.nमनोज ने आगे कहा कि, ‘हमारे सभी मराठा भाइयों को आरक्षण मिले, यही हमारा मुख्य उद्देश्य है. इसीलिए मैंने सरकार को कुछ समय देने की बात का समर्थन किया है. इतने दिनों से हमने इंतजार किया है, थोड़ा और भी करते हैं. जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा हम रुकने वाले नहीं हैं.’nजरांगे ने कहा, “सरकार सीधे तौर पर सभी मराठों को कुनबी सर्टिफिकेट देने पर सहमत हुई है. मराठवाड़ा में 13 हजार कुनबी डिटेल्स मिली थी जिसके आधार पर आरक्षण देने की बात सरकार ने की थी, जिसे हमने नकार दिया और अब सरकार सीधे तौर पर आरक्षण देने की बात मानी है.”