अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के NASA Parker Solar Probe ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस अंतरिक्ष यान ने सूरज के सबसे करीब जाकर नया रिकॉर्ड बनाया है। पार्कर सोलर प्रोब सूरज की सतह से केवल 61 लाख KM की दूरी तक पहुंचा और इस दौरान इसकी गति 6.90 लाख KMPH रही।
इतनी तेज गति से ये दिल्ली से न्यूयॉर्क महज एक मिनट में पहुंच सकता है। ये पहली बार है जब किसी मानव निर्मित यान ने सूरज के इतने करीब जाकर ये अद्भुत रिकॉर्ड कायम किया है।
वैज्ञानिकों की उम्मीदें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान वैज्ञानिकों के मन में यान की सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं। सवाल ये है कि क्या पार्कर सोलर प्रोब इतनी तेज गर्मी और वहां के वातावरण से सुरक्षित रह पाएगा। यदि यान सुरक्षित रहा, तो Sun के दूसरी तरफ से सिग्नल मिलने की उम्मीद है। नासा के अधिकारियों का कहना है कि 27 दिसंबर तक सिग्नल मिलने की संभावना है, जिससे यान की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
In 2025, we're making breakthroughs in aviation, sending spacecraft closer to the Sun than ever before, and laying the groundwork for human exploration of the Moon and Mars.
— NASA (@NASA) December 27, 2024
And that's just for starters… pic.twitter.com/Wy4pazeJPt
सूरज के पास से लीं अनोखी तस्वीरें
पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के बेहद करीब से कई तस्वीरें खींची हैं, जो जनवरी 2024 में नासा को मिलेंगी। इसके साथ ही, इस मिशन से जुटाए गए डेटा को आने वाले महीनों में विश्लेषण के लिए तैयार किया जाएगा। 2023 में पार्कर ने सूरज के चारों ओर 17वां चक्कर पूरा किया। इस दौरान, दो अहम रिकॉर्ड बनाए गए:
- सूरज के सबसे करीब से गुजरने का।
- सबसे तेज गति से यात्रा करने का।
सितंबर 2023 में यान ने 72.60 लाख किमी की दूरी से यात्रा की थी, और उसकी गति 6.35 लाख किमी प्रति घंटा रही थी।
सूरज के खतरों से हीटशील्ड ने बचाया
2018 में लॉन्च किया गया पार्कर सोलर प्रोब खास हीटशील्ड और ऑटोनॉमस सिस्टम से लैस है, जो इसे सूरज के भीषण ताप और विकिरण से बचाता है। इससे पहले, यान ने 5.70 करोड़ किमी की दूरी पर रहते हुए सौर तूफानों का अध्ययन किया है। इन तूफानों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में ग्रहों और सौर धूल के बीच के प्रभाव को समझने में मदद मिली है।
अंतरिक्ष जांच में नई दिशा
पार्कर सोलर प्रोब का मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई क्रांति है। सूरज के नजदीक जाकर जुटाए गए डेटा से न केवल हमारे सौर मंडल को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा, बल्कि ये अन्य ग्रहों और अंतरिक्षीय घटनाओं के अध्ययन के लिए भी उपयोगी साबित होगा।