Navratri Navami Puja : नवरात्रि का पर्व पूरे भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। इस पर्व के नौ दिन माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का समापन नवमी तिथि को होता है, जिसे महानवमी के रूप में जाना जाता है।
इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस लेख में हम Navratri Navami Puja विधि, Kanya Puja की महत्ता और शुभ मुहूर्त की जानकारी देंगे।
महानवमी कब है ? (Maha Navami Date)
महानवमी नवरात्रि के अंतिम दिन होता है और इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है, जिसमें 2 साल से लेकर 10 साल तक की कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर पूजित किया जाता है। ये परंपरा शक्ति की आराधना का प्रतीक मानी जाती है और कहा जाता है कि इससे सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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महानवमी 2025 का शुभ मुहूर्त (Maha Navami Shubh Muhurat)
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की महानवमी तिथि 12 अप्रैल 2025 (शनिवार) को मनाई जाएगी। पंडितों के अनुसार, नवमी तिथि का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:
- नवमी तिथि प्रारंभ: 11 अप्रैल 2025, रात्रि 11:56 बजे
- नवमी तिथि समाप्त: 12 अप्रैल 2025, रात्रि 08:34 बजे
- पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: 12 अप्रैल 2025, प्रातः 06:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक
नवमी पूजन विधि (Maha Navami Puja)
- मां सिद्धिदात्री की स्थापना करें – पूजन के लिए घर के मंदिर में मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या चित्र रखें।
- कलश पूजन करें – कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें।
- स्नान कर शुद्ध होकर पूजा करें – स्वच्छ वस्त्र धारण कर माता की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
- पूजा सामग्री – माता को लाल पुष्प, अक्षत, चंदन, नारियल, लौंग, इलायची और फल अर्पित करें।
- हवन करें – यदि संभव हो तो नवमी के दिन हवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- कन्या पूजन करें – नौ कन्याओं को आमंत्रित करें और उन्हें मां दुर्गा का स्वरूप मानकर विधिपूर्वक पूजन करें।
कन्या पूजन विधि और उसका महत्व (Kanya Puja Vidhi)
कन्या पूजन को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन माना जाता है। इसमें 2 साल से लेकर 10 साल तक की कन्याओं का पूजन किया जाता है।
कन्या पूजन की विधि:
- कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें स्वच्छ स्थान पर बैठाएं।
- उनके पैर धोकर उन्हें तिलक लगाएं।
- उन्हें लाल चुनरी भेंट करें और प्रसाद में हलवा, पूरी और चने का भोग लगाएं।
- कन्याओं को दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
क्या नवरात्रि के समापन पर हवन करना जरूरी है?
नवरात्रि के अंतिम दिन हवन करना बेहद शुभ माना जाता है। ये हवन घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
महानवमी नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन नवमी पूजन और कन्या पूजन से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इस वर्ष 12 अप्रैल 2025 को महानवमी मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा। यदि विधिपूर्वक पूजा और कन्या पूजन किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।