गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित ‘अयिगिरि नन्दिनि’ देवी दुर्गा का एक बहुत लोकप्रिय भक्ति स्तोत्र है. महिषासुर मर्दिनी हिन्दू देवी दुर्गा को कहा गया है. इन्होंने महिषासुर नामक राक्षस को मार कर देवताओं को इससे मुक्ति दिलाई थी. महामाया मां जगदंबिका ने देवताओं को वरदान दिया था कि, वो भीषण अनिष्टप्रद समय मे प्रकट होकर दैत्यों का नाश करेगी. माता नित्य होती हुई भी बार-बार प्रकट होती हैं. महिषासुर के वध के लिए माँ ने अपनी लीला का विस्तार करने के कारण सभी देवी देवताओं के तेज से प्रकट होकर दुष्ट महिषासुर का अंत किया था. nमहिषासुर के बाद कई और दानव पृथ्वी पर पैदा हुए जैसे चंड मुंड, धूम्रलोचन, शुंभ निशुंभ , इन सभी का वध करने के लिए माँ ने कौशिकी देवी का रूप धारण किया और हिमालय पर्वत पर दुष्टों का संहार किया. इसलिए इनको निशुम्भशुम्भहननी भी कहा जाता है. इस स्तोत्र को गायिका श्रुति बैवार ने अपनी आवाज दी है. म्युजिक दिया है, नीरज टाटेकर ने. वीके म्युज़िक इस स्तोत्र के निर्माता हैं.n