Pahalgam Attack का इस दिन होगा हिसाब, हो गया फैसला

भारत ने अतीत में अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है और वर्तमान परिस्थितियों में भी वह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। आवश्यकता है एक सुनियोजित और निर्णायक कार्रवाई की, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य सहनशीलता नीति को रेखांकित करे।
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Pahalgam Attack Update : पहलगाम, श्रीनगर -पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर दिया है। 27 निर्दोष नागरिकों की मौत ने भारतीय जनमानस में गहरा क्रोध पैदा किया है, जिसके बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग जोर पकड़ रही है। भारतीय सुरक्षा बलों ने अतीत में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों से आतंकियों के दांत खट्टे किए हैं, लेकिन LOC पार आतंक के लॉन्च पैड अभी भी सक्रिय हैं। सवाल यह है कि इस बार भारत के पास क्या विकल्प हैं?

Pahalgam Attack पर एक्शन

1. सर्जिकल स्ट्राइक की संभावनाएं और चुनौतियां

Pahalgam Attack पर भारतीय सेना के पूर्व डीजी इन्फैंट्री लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी (सेवानिवृत्त) के अनुसार:

  • “सेना पूरी तरह तैयार है, लेकिन निर्णय सरकार का”
  • 2016 और 2019 की स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान अलर्ट
  • सरप्राइज एलिमेंट कम होने से नई रणनीति की आवश्यकता
  • POK में लक्षित कार्रवाई संभव, क्योंकि ये भारत का अभिन्न अंग है

2. Pahalgam Attack पर बोला चीन

  • चीन वर्तमान में अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध में उलझा हुआ है
  • पाकिस्तान को सीधी कार्रवाई पर चीन के हस्तक्षेप की संभावना कम

गैर-सैन्य विकल्प: आर्थिक और राजनयिक दबाव

1. सिंधु जल समझौता (इंडस वॉटर ट्रीटी) को रद्द करना

  • पाकिस्तान को जल आपूर्ति पर नियंत्रण एक प्रभावी हथियार
  • विशेषज्ञों का मानना है कि ये दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा

2. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना

  • FATF ग्रे लिस्ट में वापस लाने की मांग
  • संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद प्रायोजन के मामले को उठाना

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स्थानीय स्तर पर कार्रवाई: ओवरग्राउंड वर्कर्स पर शिकंजा

1. आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति

  • स्थानीय सहयोगियों (OGWs) की पहचान और निष्प्रभावीकरण
  • खुफिया जानकारी का संग्रह और त्वरित कार्रवाई

2. घुसपैठ रोकने के उपाय

  • एलओसी पर निगरानी बढ़ाना
  • भारतीय क्षेत्र में घुसे आतंकियों को बच निकलने से रोकना

सीजफायर समझौते की प्रासंगिकता पर सवाल

1. पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का दुरुपयोग

  • शांति समझौते के दौरान घुसपैठ की घटनाओं में वृद्धि
  • विशेषज्ञों का मानना है कि अब इसकी कोई उपयोगिता नहीं

2. नई रणनीति की आवश्यकता

  • सीमा पार गोलाबारी के विकल्प
  • स्मार्ट फेंसिंग और तकनीकी निगरानी को बढ़ावा

अतीत की सफल कार्रवाइयां: भारत की प्रतिशोधात्मक क्षमता

1. 2016 उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक

  • 18 सितंबर 2016 को पीओके में सैन्य कार्रवाई
  • 40 आतंकियों का सफाया और 6 कैंप ध्वस्त

2. 2019 पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक

  • 26 फरवरी 2019 को हवाई हमला
  • 200 से अधिक आतंकियों का सफाया

नागरिकों का मनोबल बनाए रखना: आतंकवाद को मनोवैज्ञानिक हार देना

1. अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाना

  • तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी न होने देना
  • बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना

2. जनता का विश्वास बनाए रखना

  • आतंकवादियों के मंसूबों को विफल करना
  • सामाजिक एकजुटता को मजबूत करना

Pahalgam Attack के बाद भारत के सामने कई विकल्प हैं, जिनमें सैन्य कार्रवाई से लेकर आर्थिक प्रतिबंध तक शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एक समग्र रणनीति अपनाने की आवश्यकता है जिसमें निम्न बिंदु शामिल हों:

  1. सीमा पार सीमित सैन्य कार्रवाई
  2. आतंकी वित्तपोषण पर रोक
  3. अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना
  4. स्थानीय आतंकी नेटवर्क को नष्ट करना
  5. नागरिक मनोबल को मजबूत करना

भारत ने अतीत में अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है और वर्तमान परिस्थितियों में भी वह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। आवश्यकता है एक सुनियोजित और निर्णायक कार्रवाई की, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य सहनशीलता नीति को रेखांकित करे।

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