Pakistan On Waqf Bill: पाकिस्तान का पहला बयान, कर देगा हैरान
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Pakistan On Waqf Bill: पाकिस्तान का पहला बयान, कर देगा हैरान

Pakistan On Waqf Bill : हाल ही में लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पारित किया गया, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब ये कानून बन चुका है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का digitization, अवैध कब्जों (encroachments) को रोकना और वक्फ बोर्डों की accountability तय करना है।

भारत में ये विधेयक राजनीतिक बहस और विवादों के केंद्र में रहा, लेकिन सबसे चौंकाने वाली प्रतिक्रिया आई है पड़ोसी देश पाकिस्तान से। आम तौर पर भारतीय सरकार की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक और सुरक्षा मामलों के जानकार कमर चीमा (Qamar Cheema) ने इस कानून की publicly तारीफ की है। ((Pakistan On Waqf Bill))

क्या बोले कमर चीमा? (Pakistan On Waqf Bill)

कमर चीमा ने कहा, “भारत ने वक्फ को लेकर जो फैसला लिया है, वो बिल्कुल सही दिशा में है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे दरगाहों पर लोग illegal कब्जा करके बैठ जाते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसी ही समस्याएं पाकिस्तान में भी हैं, जहां लोग मस्जिदों पर कब्जा कर लेते हैं।

उनका साफ कहना था कि कई बार दरगाह और मस्जिदों को लोग अपने personal interest के लिए इस्तेमाल करते हैं और वहां corruption भी होता है। पाकिस्तान में भी बहुत सी दरगाहों में रहने वाले लोग धार्मिक भावनाओं की आड़ में financial irregularities में शामिल होते हैं।

कमर चीमा ने मोदी सरकार के इस कदम को necessary and positive बताया। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना बहुत जरूरी है ताकि इन पर पारदर्शिता बनी रहे और अवैध कब्जों से बचा जा सके। (Pakistan On Waqf Bill)

उन्होंने ये भी कहा कि मुस्लिम समाज को खुद आगे आकर इन सुधारों का support करना चाहिए क्योंकि ये बदलाव long-term benefit के लिए जरूरी हैं। “अगर इतने सालों में वक्फ में सुधार नहीं हो पाया तो गलती किसकी है? Reforms जरूरी हैं,” – कमर चीमा

वक्फ माफिया पर खुलकर बोले चीमा

सबसे चर्चित बयान कमर चीमा का रहा, जब उन्होंने ‘वक्फ माफिया’ शब्द को justified कहा। उनके अनुसार, भारत में करीब 50,000 वक्फ संपत्तियां ऐसी हैं जिन पर विवाद चल रहा है, और ये आंकड़ा चौंकाने वाला है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश (UP) में ऐसी जमीनों पर कब्जे और विवाद आम हैं। (Pakistan On Waqf Bill)

चीमा ने कहा कि कई वक्फ संस्थाएं सरकार की निगरानी से बचना चाहती हैं और इसलिए वो किसी भी तरह के reforms का विरोध करती हैं। उन्होंने कहा कि ये व्यवहार वक्फ के मूल उद्देश्य को distort कर रहा है। (Pakistan On Waqf Bill)

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पाकिस्तान के उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वहां भी धार्मिक संस्थाओं को सरकार की निगरानी से exempt करने की कोशिश होती है ताकि कोई financial audit न हो और सारा पैसा बिना किसी सवाल के खर्च होता रहे।

Reforms की जरूरत क्यों है?

इस नए कानून के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों की mapping, online records, और real-time monitoring की बात कर रही है। इसका मकसद है कि हर जमीन और संपत्ति का ट्रैक रखा जा सके ताकि न तो उन पर गैरकानूनी कब्जा हो और न ही उनका दुरुपयोग।

इसके साथ ही वक्फ बोर्डों की जवाबदेही तय करना भी एक बड़ा कदम है। अब अगर किसी संपत्ति के साथ गड़बड़ी होती है या उसका दुरुपयोग होता है, तो उस वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा जा सकता है। (Pakistan On Waqf Bill)

सरकार का मानना है कि इस कदम से वक्फ संपत्तियों को protect किया जा सकेगा और उन पर धार्मिक उद्देश्यों के मुताबिक सही तरीके से काम होगा।

मुस्लिम समुदाय की भूमिका अहम

कमर चीमा की बातों में सबसे अहम बात ये रही कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय से खुद इस बदलाव का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि बदलाव और सुधार तब ही असरदार होंगे जब समाज के लोग उन्हें अपनाएं और साथ दें।

उन्होंने कहा, “सिर्फ विरोध करने से कुछ नहीं होगा। अगर वक्फ संस्थाएं खुद को साफ-सुथरा और पारदर्शी दिखाना चाहती हैं तो उन्हें रिफॉर्म का स्वागत करना होगा।”

भारत में वक्फ संपत्तियों से जुड़ा यह नया कानून न सिर्फ एक administrative reform है, बल्कि ये मुस्लिम समाज के लिए एक नई दिशा भी तय करता है। जब पाकिस्तान के विश्लेषक भी इसकी सराहना कर रहे हैं, तो शायद अब वक्त है कि इस मुद्दे को political debate की बजाय एक social reform के रूप में देखा जाए।

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