Pakistan Flood से लोगों की हालत खराब, दुश्मनी पड़ रही भारी

पहलगाम हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इसके तहत अब भारत पाकिस्तान को नदियों के प्रवाह, बाढ़ की चेतावनी या ग्लेशियर पिघलने की जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है।
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Pakistan Flood 2025 : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार (26 अप्रैल) को भारत ने झेलम नदी (Jhelum River) के माध्यम से पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के हट्टिन बाला क्षेत्र में अचानक पानी छोड़ दिया, जिससे Pakistan Flood उत्पन्न हो गई। मुजफ्फराबाद प्रशासन ने वॉटर इमरजेंसी घोषित करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है। आपको बता दें कि सिंधु जल संधि के तहत भारत पहले ज्यादा पानी आने की सूचना देता था। इतना ही नहीं कई बार जब नदी में पानी नहीं होता है। तब भी भारत कम पानी की जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा करता था।

Pakistan Flood से दहशत

भारत की ओर से अनंतनाग और चकोठी क्षेत्र से झेलम नदी में अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर सामान्य से 7-8 फीट ऊपर पहुंच गया। इससे मुजफ्फराबाद के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। स्थानीय प्रशासन ने मस्जिदों से लोगों को सतर्क किया और नदी किनारे बसे गांवों को खाली करवाया। पाकिस्तानी मीडिया का आरोप है कि भारत ने बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़ा, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ है। वहीं, भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद अब पाकिस्तान को बाढ़ की जानकारी देने की कोई बाध्यता नहीं है।

सिंधु जल संधि निलंबन से Pakistan Flood ?

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इसके तहत अब भारत पाकिस्तान को नदियों के प्रवाह, बाढ़ की चेतावनी या ग्लेशियर पिघलने की जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है। ये कदम भारत की “आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा माना जा रहा है।

सिंधु नदी से 10 साल में पाकिस्तान को नुकसान

पाकिस्तान में सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों (झेलम, चेनाब, रावी, सतलज) के कारण अक्सर बाढ़ की स्थिति बनती रही है। पिछले एक दशक में कुछ प्रमुख घटनाएं:
– 2014: कश्मीर और पाकिस्तान में भारी बाढ़, 500 से अधिक लोगों की मौत।
– 2020: सिंधु नदी में बाढ़ से पाकिस्तान के 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित।
– 2022: ग्लेशियर पिघलने से नदियों में अचानक बाढ़, कृषि भूमि को भारी नुकसान।

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अब भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद पाकिस्तान को और अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत ने नदियों का प्रवाह नियंत्रित करना शुरू कर दिया, तो पाकिस्तान की कृषि और पेयजल आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ेगा।

सिंधु जल समझौता रद्द करने से क्या होगा

– पाकिस्तान को सिंचाई और पनबिजली परियोजनाओं में समस्या हो सकती है।
– भारत अब पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी नहीं देगा, जिससे जान-माल का नुकसान बढ़ सकता है।
– अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान इस मुद्दे को उठा सकता है, लेकिन भारत का रुख स्पष्ट है कि आतंकवाद और जल सुरक्षा साथ-साथ नहीं चल सकते।

इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना में बड़ी बैठकें हो रही हैं, जबकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर कार्रवाई नहीं करता, तब तक संधि पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही पाकिस्तान के नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं और जमकर भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। नेताओं के जहर फैलाने के काम में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भी हिस्सा ले रहे हैं।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही लगातार पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर चिंता जताई जा रही है। जहां कुछ लोग भारत को ललकार रहे हैं। तो वहीं कुछ लोग भारत से शांति की अपील कर रहे हैं साथ ही पहलगाम हमले की आलोचना कर रहे हैं। देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में भारत क्या कार्रवाई करता है।

 

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