प्रधानमंत्री Narendra Modi ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वामित्व योजना के तहत 50,000 से अधिक गांवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्ड्स का वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के एक लाभार्थी, मनोहर से बातचीत भी की।
SVAMITVA योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “स्वामित्व योजना को 5 साल पहले शुरू किया गया था ताकि गांव में रहने वाले लोगों को उनके घर का कानूनी प्रमाण मिल सके।”
PM ने बताया कि विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे घरौनी, अधिकार अभिलेख या प्रॉपर्टी कार्ड, लेकिन इन सबका उद्देश्य एक ही है—गांववासियों को उनके घरों का स्वामित्व प्रमाणपत्र देना।
#WATCH | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "5 साल पहले स्वामित्व योजना शुरू की गई थी ताकि गांव में रहने वालों को उनके घर का कानूनी प्रमाण दिया जा सके। कहीं इनको घरौनी कहते हैं, कहीं अधिकार अभिलेख कहते हैं, कहीं प्रोपर्टी कार्ड कहते हैं…अलग-अलग राज्यों में नाम अलग-अलग है लेकिन… pic.twitter.com/CAIuX0DJfZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 18, 2025
5 साल की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया,
- पिछले 5 वर्षों में करीब 1.5 करोड़ लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं।
- आज के कार्यक्रम में 65 लाख से अधिक परिवारों को प्रॉपर्टी कार्ड्स प्रदान किए गए।
- ये कार्ड ग्रामीण संपत्ति मालिकों को कानूनी स्वामित्व का अधिकार देते हैं, जिससे वे अपनी संपत्ति का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के लाभ बताते हुए कहा,
“ये योजना न केवल ग्रामीण संपत्ति मालिकों को उनकी संपत्ति पर अधिकार देती है, बल्कि उनकी आर्थिक आजादी को भी सुनिश्चित करती है। अब वे इन कार्ड्स का उपयोग बैंकों से लोन लेने और अन्य आधिकारिक कामों के लिए कर सकते हैं। मैं इन सभी परिवारों को बधाई देता हूं।”
मध्य प्रदेश के मनोहर से संवाद
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लाभार्थी मनोहर से बातचीत की। मनोहर ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत उन्हें अपनी संपत्ति का कानूनी प्रमाणपत्र मिला, जिससे उन्हें अपने घर पर पूरा अधिकार महसूस होता है।
SVAMITVA योजना का विस्तार
इस योजना के तहत, 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 जिलों में प्रॉपर्टी कार्ड्स वितरित किए गए। सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में इस योजना को और व्यापक बनाना है ताकि हर ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक को इसका लाभ मिल सके।
इस योजना का महत्व
- ग्रामीण संपत्ति को कानूनी पहचान मिलती है।
- आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।
- बैंकों से लोन लेने में सुविधा होती है।
- संपत्ति विवादों में कमी आती है।