Punjab Farmers Scheme : फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 500 करोड़

Punjab Farmers Scheme VK News

चंडीगढ़ – Punjab Farmers Scheme आज देश के लिए नई दिशा दिखाने का काम कर रही है। जहां आज भी किसानों को फसलों का अवशेष जलाना पड़ता है। जिसकी वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। जिसकी वजह से हमारे और आपकी सांसें कम हो रही हैं। दरअसल, पंजाब की मान सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ₹500 करोड़ की “फसल अवशेष प्रबंधन योजना 2025” की घोषणा की है। Punjab Farmers Scheme का उद्देश्य किसानों को आधुनिक मशीनरी प्रदान कर फसल अवशेषों का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करना है।

फसल अवशेष प्रबंधन योजना 2025 क्या है?

पंजाब सरकार ने ₹500 करोड़ के बजट के साथ एक व्यापक योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management – CRM) मशीनरी पर सब्सिडी प्रदान करना है। Punjab Farmers Scheme देश के लिए एक बड़ा रास्ता खोल रही है। इस योजना के तहत:

  • व्यक्तिगत किसानों को मशीनरी खरीदने पर 50% सब्सिडी दी जाएगी।
  • किसान समूहों, सहकारी समितियों और ग्राम पंचायतों को 80% सब्सिडी प्रदान की जाएगी。

इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को पराली जलाने के बजाय वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से फसल अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए प्रेरित करना है। Punjab Farmers Scheme पर्यावरण के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यही वजह है कि आज देश में जमकर इस योजना पर चर्चा हो रही है।

Punjab Farmers Scheme का लाभ लें

किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

  1. आवेदन प्रक्रिया: किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  2. दस्तावेज़ आवश्यकताएँ: आवेदन के साथ ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र, पहचान पत्र, और बैंक विवरण संलग्न करना होगा।
  3. मशीनरी चयन: किसान अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयुक्त CRM मशीनरी का चयन कर सकते हैं।
  4. सब्सिडी प्राप्ति: मशीनरी की खरीद के बाद, सब्सिडी राशि किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।

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फसल अवशेष जलाना क्यों खतरनाक है?

फसल अवशेष जलाने से कई गंभीर समस्याएँ उत्पन्न होती हैं:

  • वायु प्रदूषण: पराली जलाने से उत्पन्न धुआँ वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिससे सांस की बीमारियाँ और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं।
  • मिट्टी की उर्वरता में कमी: अवशेष जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरता घटती है।
  • जलवायु परिवर्तन में योगदान: इस प्रक्रिया से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देता है।

किसानों के लिए बड़े कदम

पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने और वैकल्पिक उपाय अपनाने के लिए कई पहलें शुरू की हैं:

  • CRM मशीनरी पर सब्सिडी: जैसा कि ऊपर बताया गया है, किसानों को मशीनरी खरीदने पर 50% से 80% तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है。
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के आधुनिक तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  • जागरूकता अभियान: सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

Punjab Farmers Scheme देखिए

पिछले तीन वर्षों में पंजाब सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं:

  1. किसान कार्ड योजना: इस योजना के तहत छोटे किसानों को 12.5 एकड़ तक की भूमि पर खेती के लिए सब्सिडी और ऋण सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं。
  2. ब्याज मुक्त ऋण योजना: सरकार ने किसानों को 5 एकड़ तक की भूमि पर खेती के लिए प्रति एकड़ ₹30,000 तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया है。
  3. फसल बीमा योजना: किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए बीमा कवरेज प्रदान किया गया है।
  4. जैविक खेती को बढ़ावा: सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की है।

पंजाब सरकार की ₹500 करोड़ की फसल अवशेष प्रबंधन योजना 2025 किसानों को पराली जलाने के बजाय पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से फसल अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए प्रेरित करती है। इस योजना से न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। किसानों को चाहिए कि वे इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।

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