नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की अगली बैठक 4 से 6 अक्टूबर 2023 के बीच होने जा रही है। इस बैठक में केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन इस बैठक से पहले ही देश के छह प्रमुख बैंकों ने अपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में संशोधन कर दिया है। इससे निवेशकों को एक नई रणनीति बनाने का मौका मिला है।
RBI की MPC बैठक से क्या उम्मीदें?
पिछली कुछ बैठकों में RBI ने रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर की इस बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई अभी भी एक प्रमुख चिंता बनी हुई है, और त्योहारी सीज़न को देखते हुए केंद्रीय बैंक सतर्कता बरत सकता है।
FD दरों में बदलाव करने वाले 6 बड़े बैंक:
1. Karnataka Bank
Karnataka Bank ने 7 दिन से लेकर 10 साल तक के टेन्योर के लिए FD की ब्याज दरों को 3.50% से 7.25% के बीच संशोधित किया है। यह बदलाव नई जमा योजनाओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है।
2. HDFC Bank
देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक HDFC बैंक ने दो विशेष अवधियों (35 महीने और 55 महीने) के लिए ब्याज दरों में कमी की है। अब बैंक 3% से लेकर 7.15% तक का ब्याज विभिन्न टेन्योर के लिए दे रहा है। यह परिवर्तन उन ग्राहकों को प्रभावित करेगा जो मध्यम अवधि के निवेश की योजना बना रहे हैं।
3. IndusInd Bank
IndusInd बैंक ने अपनी FD दरों को बढ़ाकर सामान्य ग्राहकों के लिए 7.85% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.25% कर दिया है। ये दरें 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी हैं। यह दर इस समय बाजार में सबसे ज्यादा आकर्षक मानी जा रही है।
4. Bank of India
Bank of India ने ₹2 करोड़ से कम की FD पर ब्याज दरों में संशोधन किया है। अब यह बैंक 7 दिन से 10 साल तक की जमा योजनाओं पर 3% से लेकर 7.25% तक का ब्याज दे रहा है। यह कदम बैंक की प्रतिस्पर्धा में बने रहने की रणनीति का हिस्सा है।
5. IDFC First Bank
IDFC First Bank ने भी FD दरों को रिवाइज किया है। अब यह बैंक ₹2 करोड़ से कम की FD पर 3% से लेकर 7.50% तक का ब्याज दे रहा है। दरें 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए मान्य हैं।
6. Punjab & Sind Bank
Punjab & Sind Bank ने 1 अक्टूबर से अपनी ब्याज दरों को अपडेट किया है। बैंक अब 7 दिन से लेकर 10 साल तक की FD पर 2.80% से लेकर 7.40% तक का ब्याज ऑफर कर रहा है। यह सरकारी बैंक भी प्रतिस्पर्धात्मक दरों की दौड़ में शामिल हो गया है।
ये भी पढ़ें – Delhi-NCR वालो सावधान, बारिश का अलर्ट जारी, बढ़ने वाली है ठंड
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
RBI की अगली नीति बैठक में रेपो रेट स्थिर रहने की संभावना के चलते बैंक FD पर ब्याज दरें फिलहाल के लिए आकर्षक बनी हुई हैं। ऐसे में:
Long-Term FD को चुनना बेहतर हो सकता है क्योंकि भविष्य में दरों में कटौती की संभावना बनी रहती है।
Senior Citizens को विशेष दरों का लाभ उठाना चाहिए जो कुछ बैंकों में 8.25% तक पहुंच चुका है।
बैंक दरों की तुलना करें और जिस बैंक में सबसे अधिक ब्याज मिल रहा है, वहां निवेश करें।
Multiple FD विकल्प अपनाकर रिस्क को डाइवर्सिफाई करें और कैश फ्लो को प्लान करें।
जानिए RBI रेपो रेट स्थिर क्यों रख सकता है?
महंगाई का दबाव: हाल ही में खुदरा महंगाई दर में तेजी आई है, जिससे RBI दरों को बढ़ाने के मूड में नहीं है।
विकास दर बनाए रखना: ब्याज दरें स्थिर रखने से मांग बनी रहेगी और आर्थिक ग्रोथ को समर्थन मिलेगा।
ब्याज दरों का संतुलन: यदि ब्याज दरें बहुत ज्यादा हो जाती हैं, तो निवेश और क्रेडिट पर असर पड़ता है। इसलिए RBI फिलहाल मौद्रिक नीति में कोई सख्त बदलाव नहीं करेगा।
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी बैठक अक्टूबर 2023 से पहले देश के बड़े बैंकों ने जो फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में बदलाव किए हैं, वे निवेशकों के लिए संकेत हैं कि यह निवेश करने का सही समय हो सकता है। अगर आप सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहते हैं, तो FD अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है।
रेपो रेट में स्थिरता और बैंकों द्वारा ऑफर की जा रही नई दरों को देखते हुए, निवेशकों को प्लानिंग के साथ आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही समय-समय पर RBI की आगामी घोषणाओं पर भी नजर रखनी चाहिए ताकि वे अपने निवेश को परिस्थितियों के अनुसार समायोजित कर सकें।