BPSC Protest : गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज पार्टी प्रमुख Prashant Kishore को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है, और विपक्षी नेताओं ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं।
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी का बयान
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल पर तंज कसते हुए इसे “VIP अनशन” बताया। उन्होंने कहा,“ये अनशन सिर्फ दिखावा था। छात्रों के आंदोलन की आड़ में प्रशांत किशोर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे थे। ये सरकार और पुलिस की मिलीभगत का नतीजा है। जब गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र था, तो वहां बैठने की इजाजत क्यों दी गई? पहले दिन ही उन्हें क्यों नहीं हटाया गया?”
#WATCH पटना (बिहार): जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने पर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "ये VIP अनशन, खा पीकर किया गया अनशन ये छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे थे। सरकार से मिलिभगत थी। पुलिस प्रशासन पर गंभीर… pic.twitter.com/mPyURKHfjH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 6, 2025
Mrityunjay Tiwari ने ये भी दावा किया कि ये आंदोलन सरकार द्वारा प्रायोजित था और छात्र व नौजवान इसे भली-भांति समझ रहे हैं। तिवारी ने कहा कि Tejashwi Yadav छात्रों और नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सदन से लेकर सड़कों तक लड़ाई लड़ेंगे।
प्रशांत किशोर के समर्थकों की प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर के समर्थकों ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। एक समर्थक ने कहा,“प्रशांत किशोर बिहार के लोगों और छात्रों के हक के लिए लड़ रहे थे। सरकार इस एकता से डरती है। उनके खिलाफ शारीरिक हिंसा निंदनीय है। हमें नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया गया है। पुलिस कोई जानकारी नहीं दे रही है।”
पुलिस पर उठे सवाल
पुलिस ने गांधी मैदान को खाली कराते हुए कहा कि वहां किसी भी तरह का प्रदर्शन करना प्रतिबंधित था। हालांकि, विपक्षी नेताओं का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने ये कार्रवाई जानबूझकर देर से की और आंदोलन को खत्म करने के लिए जबरदस्ती का सहारा लिया।
BPSC मामला बिहार की सियासत में नए विवाद को जन्म दे रहा है। जहां एक तरफ प्रशांत किशोर के समर्थक इसे सरकार की साजिश बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे “प्रायोजित आंदोलन” करार दे रहा है।