Shehbaz Sharif पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं लेकिन इन दिनों उनकी बेइज्जती के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। दरअसल, तुर्कमेनिस्तान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फोरम के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif की एक अप्रत्याशित गलती कैमरे में कैद हो गई।
शहबाज शरीफ गलती से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की बंद कमरे वाली बैठक में पहुंच गए। ये वीडियो जैसे ही सामने आया, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पाकिस्तान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ आने लगीं।
कैसे हुई गलती? 40 मिनट इंतजार के बाद हुई बड़ी चूक
फोरम Turkmenistan की स्थायी तटस्थता के 30 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान और रूस के बीच एक द्विपक्षीय बैठक तय थी। लेकिन बैठक निर्धारित समय पर शुरू नहीं हुई।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif और विदेश मंत्री इशाक डार लगभग 40 मिनट तक अलग कमरे में इंतजार करते रहे। इतने लंबे इंतजार के बाद शहबाज शरीफ ने सोचा कि वह खुद जाकर पुतिन से मिल लें।
Putin और Erdogan की गोपनीय बैठक में पहुंच गए Shehbaz Sharif
इसी जल्दबाजी में Shehbaz Sharif उस कमरे में पहुंच गए जहां व्लादिमिर पुतिन और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन बंद कमरे में बात कर रहे थे। यह बेहद गोपनीय मीटिंग थी और किसी भी बाहरी प्रतिनिधि की वहां एंट्री की अनुमति नहीं थी।
शहबाज शरीफ कमरे में पहुंचते ही सुरक्षा अधिकारी तुरंत सतर्क हो गए। कुछ समय बाद उन्हें स्थिति का अहसास हुआ और वे बाहर आ गए।
वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर जमकर उड़ रहा मजाक
RT India द्वारा शेयर किए गए वीडियो में साफ दिखता है कि शहबाज शरीफ गलत कमरे में प्रवेश कर जाते हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर Shhebaz Sharif से जुड़े मीम्स और तंज तेज़ी से फैलने लगे।
No one takes beggar mulk Pakistan seriously
Epic baizzati .🤣🤣🤣👇pic.twitter.com/MH67RORyfX https://t.co/8LhmGqrAOW
— Lala (@FabulasGuy) December 12, 2025
कई यूजर्स ने लिखा कि “पुतिन भिखारियों पर समय बर्बाद नहीं करते,” जबकि कुछ ने कहा कि “ट्रंप भी इनके साथ ऐसा ही करते थे।”
#ShehbazSharif, #Putin, #ViralVideo, #Pakistan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
डिप्लोमैटिक एक्सपर्ट्स बोले – पाकिस्तान की बड़ी कूटनीतिक चूक
कई अंतरराष्ट्रीय कूटनीति विशेषज्ञों ने इस घटना को पाकिस्तान की “कूटनीतिक विफलता” बताया है। उनका कहना है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय फोरम में प्रोटोकॉल का पालन बेहद जरूरी होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार इस घटना से Pakistan की छवि पर असर पड़ा है और यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif को प्रोटोकॉल टीम से बेहतर समन्वय करना चाहिए था।
विपक्ष ने भी उठाए सवाल, पाकिस्तान मीडिया ने बनाई बड़ी खबर
पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने इस घटना को लेकर शहबाज शरीफ पर निशाना साधा है। कई नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री को इतनी बड़ी डिप्लोमैटिक गलती नहीं करनी चाहिए थी।
पाकिस्तान के टीवी चैनलों और अखबारों ने भी इसे “शर्मनाक चूक” बताया और सरकार से जवाब मांगा।
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क्यों महत्वपूर्ण था यह Turkmenistan Neutrality Forum?
12 दिसंबर 1995 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने Turkmenistan को स्थायी तटस्थ राष्ट्र का दर्जा दिया था। इस नीति के तहत देश किसी भी सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं होता और अपने क्षेत्र में विदेशी सैनिकों की अनुमति नहीं देता।
इस फोरम का आयोजन इसी ऐतिहासिक निर्णय के 30 वर्ष पूरे होने पर किया गया।
इसमें कई देशों ने क्षेत्रीय स्थिरता, ऊर्जा साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय शांति पर चर्चा की।
पाकिस्तान रूस संबंधों के लिए बड़ा मौका था लेकिन…
पाकिस्तान इस फोरम को रूस और तुर्किये जैसे देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रहा था।
लेकिन शहबाज शरीफ की गलती ने इस दौरे की सकारात्मक चर्चा को पीछे धकेल दिया।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे पाकिस्तान की “डिप्लोमैटिक मिसस्टेप” बताते हुए प्रमुखता से रिपोर्ट किया है।
वीडियो अब भी वायरल, पाकिस्तान को हो रहा नुकसान
यह वीडियो अभी भी सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। कई यूजर्स पाकिस्तान की कूटनीति और नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी देश की विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं, खासकर तब जब देश आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा हो।


