नई दिल्ली – भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) ने संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के सामने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तान आज भी आतंकवादियों के लिए सेफ हेवन (Safe haven for terrorists in Pakistan) बना हुआ है। विक्रम मिस्री ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam terrorist attack 2025) पूरी तरह से पाकिस्तान की धरती से प्लान किया गया था और हमलावर सीधे तौर पर पाकिस्तान में बैठे आतंक के मास्टरमाइंड्स के संपर्क में थे। ये बयान भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण रिश्तों (India Pakistan tensions 2025) के बीच बेहद अहम माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की जवाबी कार्रवाई
विदेश सचिव ने ये भी साफ किया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor 2025) के तहत पूरी तरह पारंपरिक (Conventional military response) कार्रवाई की थी। भारत की ओर से किसी भी तरह के न्यूक्लियर साइट्स को टारगेट नहीं किया गया था और न ही पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु धमकी (No nuclear threat from Pakistan) सामने आई। उन्होंने कहा, “हमारे पास पक्के सबूत हैं कि पाकिस्तान में न सिर्फ आतंकियों को शरण दी जाती है, बल्कि वहां की एजेंसियां जैसे ISI और मिलिट्री इंटेलिजेंस भी पूरी प्लानिंग में शामिल रहती हैं। ये कोई अफवाह नहीं, बल्कि intelligence based evidence हैं।”
Vikram Misri- पाकिस्तान का “संस्थागत गठजोड़”
मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों और वहां की सेना, खुफिया एजेंसियों और कुछ सरकारी संस्थानों के बीच एक “institutional nexus” है। ये गठजोड़ आतंक फैलाने, भारत के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने और दुनिया भर में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है।
Pahalgam attack 2025: पूरी साजिश सीमा पार से
विदेश सचिव ने बताया कि हाल ही में हुए पहलगाम हमले की प्लानिंग पाकिस्तान में हुई थी। हमले को अंजाम देने वाले आतंकी लगातार पाकिस्तानी मास्टरमाइंड्स से संपर्क में थे। यह बात जांच एजेंसियों की गहन पड़ताल और टेक्निकल इंटरसेप्ट्स से साबित हो चुकी है।
ट्रंप के दावे पर विदेश सचिव का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-पाक संघर्ष विराम में उनकी भूमिका थी, को विक्रम मिस्री ने पूरी तरह गलत करार दिया। उन्होंने साफ कहा – “संघर्ष विराम (India Pakistan ceasefire 2025) भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौता था। ट्रंप बस सुर्खियों में आने के लिए ऐसा दावा कर रहे थे।”
ऑपरेशन सिंदूर के चरण और जयशंकर का बयान
विदेश सचिव ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान को लेकर उठे विवाद पर भी सफाई दी। उन्होंने बताया कि जयशंकर का बयान ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण (Phase 1 of Operation Sindoor) से जुड़ा था, जिसमें भारत ने 6-7 मई को LOC के पार जाकर 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया था। पाकिस्तान को इसकी सूचना बाद में दी गई थी, ताकि गैर-सैन्य नुकसान न हो। यह कार्रवाई defensive yet strong diplomatic response का एक उदाहरण थी।
ऑनलाइन ट्रोलिंग और सर्वदलीय समर्थन
संसदीय समिति के चेयरमैन शशि थरूर (Shashi Tharoor) और अन्य सदस्यों ने विक्रम मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ हो रही ऑनलाइन ट्रोलिंग (Online trolling of Indian diplomat) की कड़ी निंदा की। एक सर्वसम्मत प्रस्ताव में सभी दलों ने विदेश सचिव के साथ एकजुटता और समर्थन दिखाया।
भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत
विदेश मामलों के जानकारों का मानना है कि भारत की विदेश नीति (India Foreign Policy 2025) अब ज्यादा स्पष्ट, मजबूत और निष्क्रिय रुख को छोड़कर proactive बन चुकी है।
ग्लोबल लेवल पर भारत का पक्ष
भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा आतंक को समर्थन देने के मुद्दे को उठाया है। UN, G20 और BRICS जैसे मंचों पर भारत ने पाकिस्तान की दोहरी नीति (Pakistan double standards on terrorism) को बेनकाब किया है। Vikram Misri का ये बयान भारत की उसी नीति को आगे बढ़ाता है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के इस बयान ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी भी हालत में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा, चाहे वह सीमा पार से हो या अंदर से। पाकिस्तान का नाम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के पोषक के रूप में सामने आया है।