Waqf Board Bill : वक्फ प्रॉपर्टी (Waqf Property) और उससे जुड़े नियम भारत में एक बड़ा मुद्दा रहे हैं। हाल ही में मोदी सरकार ने एक नया वक्फ बोर्ड बिल (Waqf Board Bill) पेश किया है, जिसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। वहीं, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी वक्फ से जुड़े कानूनों में बदलाव किए गए थे। सवाल ये उठता है कि इन दोनों बिलों में कितना फर्क है और किसका ज्यादा impact होगा?
मोदी सरकार का Waqf Board Bill (2024)
Modi Government द्वारा लाया गया नया वक्फ बिल कई बड़े बदलावों को लेकर आया है। इसका उद्देश्य वक्फ प्रॉपर्टीज की transparency बढ़ाना और misuse रोकना है। इस बिल के तहत:
वक्फ प्रॉपर्टी की जांच – अब सरकार को वक्फ प्रॉपर्टी के ownership records को review करने का अधिकार होगा।
Encroachment पर सख्त कार्रवाई – गैर-कानूनी कब्जों (Illegal Encroachment) को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं।
Govt Intervention – सरकार को वक्फ बोर्ड के audit का अधिकार मिलेगा, जिससे transparency बढ़ेगी।
No Special Rights – मोदी सरकार के बिल में कहा गया है कि वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर कोई special privilege नहीं होगा, यानी बाकी धार्मिक संस्थाओं की तरह इसे भी एक समान कानून के तहत regulate किया जाएगा।
कांग्रेस का वक्फ बोर्ड बिल (2013)
कांग्रेस सरकार ने 2013 में वक्फ अधिनियम (Waqf Act, 1995 में संशोधन) को update किया था, जिसका उद्देश्य वक्फ प्रॉपर्टीज की protection और उनकी पहचान को मजबूत करना था।
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Mutawallis को ज्यादा पावर – कांग्रेस के बिल में वक्फ संपत्तियों की देखरेख करने वाले Mutawallis (caretakers) को अधिक अधिकार दिए गए थे।
Special Tribunal की स्थापना – वक्फ प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों को हल करने के लिए special tribunals बनाए गए थे।
Encroachment को रोकने के प्रयास – लेकिन ground reality में कई जगहों पर illegal कब्जे जारी रहे।
Govt Intervention Limited – कांग्रेस के बिल में सरकार की direct intervention को limited रखा गया था।
कांग्रेस बनाम मोदी सरकार: किसका बिल बेहतर?
अगर दोनों बिलों की तुलना करें तो Modi Government का बिल ज्यादा सख्त और transparent दिखाई देता है।
Transparency: मोदी सरकार के बिल में accountability बढ़ाने के लिए सरकार को वक्फ बोर्ड के audit का अधिकार दिया गया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने Mutawallis को ज्यादा power दी थी।
Encroachment: दोनों सरकारों ने illegal कब्जों पर action की बात कही, लेकिन कांग्रेस सरकार के समय action उतना प्रभावी नहीं रहा।
Equal Treatment: मोदी सरकार का फोकस समान कानून (Uniform Laws) पर है, जबकि कांग्रेस के समय वक्फ प्रॉपर्टी को कुछ विशेष छूटें मिली हुई थीं।
मोदी सरकार और कांग्रेस दोनों ने वक्फ से जुड़े कानूनों में सुधार की कोशिश की, लेकिन नए Waqf Board Bill 2024 में transparency, accountability और illegal encroachment पर ज्यादा focus किया गया है। इससे वक्फ प्रॉपर्टीज का fair और equal regulation संभव हो सकता है।
विपक्षी पार्टियां इसे minority rights के खिलाफ बता रही हैं, जबकि सरकार का कहना है कि यह एक समान कानून (Uniform Law) की दिशा में एक कदम है। अब देखना ये होगा कि ये नया वक्फ बोर्ड बिल संसद में कितना debate generate करता है और इसका real impact क्या होता है।