WAQF Board Property 2025: भारत में Waqf Board के पास कितनी जमीन है, ये एक बड़ा सवाल है, जिस पर अक्सर political और legal discussions होती रहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Waqf Board के पास देशभर में करीब 9 लाख 40 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन मौजूद है।
ये इतनी जमीन है कि इतनी जमीन में नया पाकिस्तान बसाया जा सकता है। इसे भारत के सबसे बड़े non-agricultural landowners में से एक बनाता है। लेकिन इस संपत्ति को लेकर कई बार विवाद भी खड़े होते हैं। आइए जानते हैं Waqf Board की जमीन का सच और इससे जुड़े मुद्दे।
Waqf Board की संपत्ति कितनी और कहां?
Waqf Board को मिली ज़मीनें donations और historical endowments का हिस्सा होती हैं, जिन्हें धार्मिक, सामाजिक और चैरिटी कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से जमीन के मनमाने तरीके से इस्तेमाल, अवैध तरीके से बेचने या फिर कब्जे करने के आरोप लगे हैं। आलम ये है कि WAQF Board ने कुछ जगहों पर पूरे गांव को अपनी जमीन बता दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
- उत्तर प्रदेश: लगभग 1.5 लाख एकड़
- महाराष्ट्र: करीब 80 हजार एकड़
- पश्चिम बंगाल: लगभग 50 हजार एकड़
- तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और अन्य राज्यों में भी लाखों एकड़ जमीन
कुल मिलाकर Waqf Board के पास पूरे देश में 9 लाख 40 हजार एकड़ से अधिक जमीन बताई जाती है, जो रेलवे और डिफेंस के बाद सबसे बड़ी land holdings में से एक है।
Waqf Board की जमीनों को लेकर विवाद
- Illegal Encroachments – कई जगहों पर Waqf की जमीन पर illegal कब्जे किए गए हैं, जिनमें कुछ cases में राजनीतिक संरक्षण भी देखने को मिला है।
- Government Interference – सरकारें कई बार Waqf Board की संपत्तियों को public projects या infrastructure development के लिए उपयोग करना चाहती हैं, जिससे विवाद पैदा होते हैं।
- Lack of Transparency – कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि Waqf Board की संपत्तियों का proper documentation और auditing नहीं होता, जिससे corruption और mismanagement की शिकायतें आती रहती हैं।
- Court Cases – सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में Waqf की जमीनों से जुड़े कई pending cases हैं, जिनमें illegal sale, encroachments और ownership को लेकर विवाद हैं।
सरकार और कानून का रुख
Waqf Act, 1995 के तहत Waqf Board को अपनी संपत्तियों का इस्तेमाल धार्मिक और चैरिटी उद्देश्यों के लिए करना होता है। सरकार ने Waqf की संपत्तियों को digitize और survey करने के लिए भी कदम उठाए हैं।
हाल ही में केंद्र सरकार ने Waqf की विवादित संपत्तियों की re-examination policy पर चर्चा शुरू की है, ताकि यह तय किया जा सके कि कौन सी जमीन public utility में लाई जा सकती है और कौन सी नहीं।
Waqf Board के पास बड़ी संख्या में जमीनें हैं, लेकिन उनका सही उपयोग और सुरक्षा एक major challenge बनी हुई है। Political और legal complexities के कारण यह मुद्दा और भी sensitive हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि Waqf संपत्तियों का सही management और transparency हो, ताकि धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए इसका सही इस्तेमाल हो सके।