चुनाव आयोग ने व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे विकसित भारत के मैसेज को तुरंत रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आदेश देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान के बाद देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है, ऐसे में इस तरह के मैसेज को नहीं भेजना चाहिए. nकांग्रेस ने की शिकायत nदरअसल, व्हाट्सएप पर लोगों को प्रधानमंत्री ‘विकसित भारत संपर्क’ का एक मैसेज भेजा जा रहा हैं, जिसके जरिए लोगों से केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर फीडबैक और सुझाव मांगे गए हैं. कांग्रेस की केरल इकाई ने इस मैसेज के लिए मेटा से शिकायत कर पीएम मोदी पर सरकारी डेटाबेस और व्हाट्सएप का गलत उपयोग करने का आरोप लगाया है. nnDear @Meta,This morning, Indian Citizens with WhatsApp has been getting an automated message from a “WhatsApp verified Business” named Viksit Bharat Sampark.The message talks about taking feedback from Citizens, but the attached PDF is nothing but political propaganda. (1/3) pic.twitter.com/mzxYjYCsaDn— Congress Kerala (@INCKerala) March 16, 2024nnnnव्हाट्सएप मैसेज में क्या था? nव्हाट्सएप पर पीएम मोदी के लेटर के साथ भेजे जा रहे मैसेज में कहा गया है कि यह पत्र पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के विकसित भारत संपर्क केंद्र द्वारा भेजा गया है. पिछले 10 सालों में भारत सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ देश के 140 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को मिला है, जो आगे भी मिलता रहेगा. मैसेज में आगे कहा गया है कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आपका सहयोग और सुझाव बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि योजनाओं को लेकर अपने विचार अवश्य लिखें. nव्हाट्सएप मैसेज में पीएम मोदी का ‘परिवारजन’ के नाम लिखा पत्र भेजा गया, जिसमें पीएम कहते हैं कि आपका और हमारा साथ अब एक दशक पूरा करने जा रहा है. मेरे 140 करोड़ परिवारजनों के साथ विश्वास, सहयोग और समर्थन से जुड़ा यह मजबूत रिश्ता मेरे लिए कितना विशेष है, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है. nसरकारी योजनाओं का किया जिक्र nपीएम मोदी ने अपनी सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहते हैं कि यह आपका विश्वास और समर्थन ही था कि जीएसटी लागू करना, धारा 370 समाप्त करना , तीन तलाक पर नया कानून, संसद में महिलाओं के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम , नए संसद भवन का निर्माण, आतंकवाद और नक्सलवाद पर कठोर प्रहार जैसे अनेक ऐतिहासिक और बड़े फैसले लेने से हम चूके नहीं.



