भारत में फिर राम राज्य की शुरुआत होने जा रही है. रामलला 22 जनवरी को अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. वक्त ने ऐसी करवट ली है कि जो कल तक भगवान राम के विरोध में खड़े थे, अब भी राम का नाम जपने लगे हैं. जब बाबरी का ढांचा गिराया गया तो…फारूक खूब बिलखबिलख कर रोए थे. जो कभी कहते थे कि, इतिहास मिटाया नहीं जा सकता. उन्हीं फारूक ने जब नया इतिहास बनते देखा तो उनके सुर भी बदल गए. nदरअसल, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले फारूक अब्दुल्ला का एक बयान आया है. जिसमें वो भगवान राम की तारीफ करते नहीं थक रहे. फारूक ने कहा है कि, ‘भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं बल्कि दुनिया के सभी लोगों के हैं. भगवान राम ने भाईचारे, प्रेम और एकता की बात की है. अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. मैं मंदिर के लिए प्रयास करने वाले सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं.’nnफारूक अब्दुल्ला आगे कहते हैं, ‘मैं सभी को बताना चाहता हूं कि, भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं. वो दुनिया के सभी लोगों के हैं. ये किताबों में लिखा है. उन्होंने हमेशा लोगों को जमीन से ऊपर उठाने पर जोर दिया और कभी धर्म…भाषा उनकी बात नहीं पूछी. उन्होंने एक सार्वभौमिक संदेश दिया…अब जब ये मंदिर खुलने वाला है, तो मैं सभी से कहना चाहता हूं कि भाईचारा बनाए रखें.’nये थे फारूक का बदला मिजाज. लेकिन, एक कहावत है…’अब पछताए होत क्या…जब चिड़िया चुग गई खेत.’ फारूक अब्दूला का ये बयान ऐसे वक्त में आया है. राम मंदिर बनकर तैयार है…दुनिया की कोई ताकत अब भगवान राम को अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने से नहीं रोक सकती. ये बात फारूक अब्दुल्ला समेत पूरा विरक्ष जानता है. ऐसे में अब उनके पास भगवान राम के मंदिर का समर्थन करने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा है. इसी कारण तमाम विपक्ष अब राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए भगवान राम के नाम का जप करने लगा है.