श्री आदि शंकराचार्य ने इस अष्टदशा शक्ति पीठ स्तोत्रम की रचना की। अष्टदशा शक्ति पीठ स्तोत्रम एक पवित्र स्तोत्र है जिसमें 18 शक्तिपीठों और वहां पूजी जाने वाली देवी-देवताओं के नामों का उल्लेख है। इसकी रचना श्री आदि शंकराचार्य ने की थी। अष्टदशा का शाब्दिक अर्थ अठारह होता है। अष्टदशा शक्ति पीठ भारतीय उपमहाद्वीप में 18 पवित्र स्थान हैं जहाँ देवी शक्ति/पार्वती/गौरी की पूजा की जाती है। दक्ष यज्ञ के दौरान आग में कूदकर सती की मृत्यु हो जाने के बाद, भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने दक्ष को मार डाला। भगवान शिव को उनकी सामान्य स्थिति में वापस लाने के लिए, भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र छोड़ा, जिसने सती के मृत शरीर को 18 टुकड़ों में विभाजित कर दिया, जो उपमहाद्वीप में 18 अलग-अलग स्थानों पर गिरा। ये 18 स्थान 18 शक्ति पीठ या अष्टदशा शक्ति पीठ हैं, जहाँ देवी पार्वती की अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है।nअष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् | Ashtadash Shkatipeeth Stotramnलंकायां शांकरीदेवी कामाक्षी कांचिकापुरे ।प्रद्युम्ने शृंखलादेवी चामुंडी क्रौंचपट्टणे ॥ 1 ॥अलंपुरे जोगुलांबा श्रीशैले भ्रमरांबिका ।कॊल्हापुरे महालक्ष्मी मुहुर्ये एकवीरा ॥ 2 ॥उज्जयिन्यां महाकाली पीठिकायां पुरुहूतिका ।ओढ्यायां गिरिजादेवी माणिक्या दक्षवाटिके ॥ 3 ॥हरिक्षेत्रे कामरूपी प्रयागे माधवेश्वरी ।ज्वालायां वैष्णवीदेवी गया मांगल्यगौरिका ॥ 4 ॥वारणाश्यां विशालाक्षी काश्मीरेतु सरस्वती ।अष्टादश सुपीठानि योगिनामपि दुर्लभम् ॥ 5 ॥सायंकाले पठेन्नित्यं सर्वशत्रुविनाशनम् ।सर्वरोगहरं दिव्यं सर्वसंपत्करं शुभम् ॥ 6 ॥nअष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् पाठ के लाभ | Benefits of Ashtadash Shkatipeeth Stotramnअष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:nnजीवन में सुख की प्राप्ति : अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।nमानसिक शुद्धता प्राप्त करना : अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् का पाठ करने से मानसिक चंचलता, तनाव और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के शरीर को भी शुद्ध करता है और उसे रोगों से बचाता है।nभय से मुक्ति : अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् का पाठ करने से भय और दुख भावना से मुक्ति मिलती है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति को आत्मविश्वास और संतुलन का अनुभव कराता है।nमानसिक शांति: अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।nसमस्त दुःखों से मुक्ति: तोटकाष्टकम के पाठ से समस्त दुःखों से मुक्ति मिलती है।nसंघर्ष का समाधान: तोटकाष्टकम के पाठ से संघर्षों का समाधान होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।nn