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दिल्ली में 'दुआ' बनकर बरसा पानी, सांस लेने लायक बनाई हवा

देश की राजधानी दिल्ली बीते कई दिनों से गैस का चेंबर बनी हुई थी. प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो गया था. आलम ये था कि, दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक पहुंच गई थी. दिल्ली से सटे बाकी शहरों का भी यही हाल था. प्रदूषण की इस समस्या से निपटने के लिए सरकार खूब जद्दोजहद कर रही थी. बावजूद उसके प्रदूषण कम करने में नाकाम रही. लेकिन, शुक्रवार अलसुबह दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बारिश राहत बनकर बरसी. nदिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम समेत राजधानी से सटे कुछ इलाकों में हल्की बारिश (Delhi NCR Rain) हुई है. 9 और 10 नवंबर की दरमियानी रात और 10 नवंबर की सुबह हुई बरसात से Delhi-NCR में फैली जहरीली हवा से राहत मिली है. इस बरसात से पहले दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में थी. अब कई स्थानों पर AQI 100 से नीचे चली गई है.nठंड के मौसम में बारिश कैसे हुई?nदिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत में ठंड के मौसम में आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बारिश होती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ ऐसे तूफान हैं जो कैस्पियन या भूमध्य सागर में उत्पन्न होते हैं. इससे उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून के अलावे दूसरे समय में बारिश होती है.nपश्चिमी विक्षोभ यूक्रेन और उसके आसपास के इलाकों से हवा आद्रता लेकर के आती है और हिमालय के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी करवाती है जबकि मैदानी इलाकों में हवाओं के साथ बारिश होती है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों की शुरुआत आमतौर पर ऐसी ही बारिश से होती है और उत्तर भारत में तो शीत लहर के लिए भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के जरिए की गई बारिश बड़ी वजह मानी जाती है.

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