इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. बीते हफ्ते शनिवार को इजरायल पर आतंकी हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी. वहीं, भारत सरकार ने साफ कर दिया था कि वो इस हमले की निंदा करते हैं. साथ ही पीएम मोदी ने इजरायल का साथ देने की बात भी कही थी. लेकिन, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने इस मुद्दे पर भारत सरकार के रुख को लेकर कहा, मुझे नहीं लगता भारत सरकार इजरायल का सौ फीसदी समर्थन कर रही है.’
nशरद पवार ने आगे कहा, ‘अगर भारत सरकार के आधिकारिक बयान को देखें तो भारत सरकार सौ फीसदी इजराइल के साथ नही है. उनके बयान से ऐसा लगता है लेकिन पीएम के बयान से ये साफ दिख रहा है कि वह इजरायल के साथ हैं. पवार ने कहा, ‘यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है. उन्होंने कहा, इस मामले में कुछ भी फैसला लेते समय सरकार को अफगानिस्तान, ईरान, यूएई और गल्फ देशों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.’ पूर्व पीएम दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी के फलस्तीन का समर्थन करने को लेकर उन्होंने कहा, ‘दरअसल यह उनकी बात नहीं थी. वह फलस्तीन पर भारत का स्टैंड था.’
nइजरायल-फलस्तीन विवाद पर क्या है भारत सरकार का रुख?
nइजरायल फलस्तीन विवाद पर भारत सरकार टू नेशन थ्योरी की वकालत करती है. इस थ्योरी के मुताबिक इस पूरे क्षेत्र में दोनों देशों के नागरिकों को रहने का अधिकार है. हालांकि इजरायल और फलस्तीन दोनों ही इस थ्योरी को खारिज करते हैं और इस पूरे भूभाग पर अपना अधिपत्य चाहते हैं. हालिया संघर्ष दशकों से चली रही इसी लड़ाई का परिणाम है.
nभारत सरकार ने गुरुवार (12 अक्टूबर 2023) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर अपना स्टैंड फिर से क्लीयर कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘भारत ने शांतिपूर्ण सहअस्तित्व वाले एक संप्रभु फलस्तीन देश की स्थापना के लिए इजराइल के साथ सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की हमेशा वकालत की है.’ साथ ही उन्होंने आगे कहा, इजरायल पर हमास के इन हमलों को आतंकवादी हमलों के तौर पर देखते हैं.’
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