आप कहां जाते हैं, कहां आते हैं इसकी पूरी जानकारी गूगल के पास है. जब हम कहीं घूमने के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी डिटेल सर्च इंजन कंपनी के पास चली जाती है. इसीलिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां गूगल से क्राइम सीन पर मौजूद लोगों की लोकेशन की जानकारी भी मांगती हैं. अब लगता है कि कंपनी इस सिस्टम से परेशान हो चुकी है और उसने एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है. गूगल लोगों की लोकेशन हिस्ट्री के ब्यौरे का जिम्मा उन्हीं के कंधों पर डालने जा रही है.nअगर ऐसा हुआ तो पुलिस के लिए क्राइम सीन पर मौजूद लोगों की जानकारी हासिल करने में काफी परेशानी आएगी. अमेरिका समेत पूरी दुनिया में पुलिस गूगल से यूजर्स की लोकेशन से जुड़ी जानकारी मांगती है. हालांकि, ये सिस्टम बहुत जल्द खत्म हो जाएगा क्योंकि कंपनी लोकेशन हिस्ट्री की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं रखेगी. अब सीधे लोगों को अपनी लोकेशन हिस्ट्री सेव करने और डिलीट करने की इजाजत मिलेगी.nगूगल ने लोकेशन हिस्ट्री को पर्सनल मानाnगूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में जानकारी दी कि यूजर्स की लोकेशन हिस्ट्री उनके डिवाइस में सेव होगी. यूजर्स अपनी लोकेशन हिस्ट्री को कंट्रोल कर पाएंगे. कंपनी ने लिखा, ‘आपकी लोकेशन इंफॉर्मेशन निजी है.’ कंपनी ने आगे कहा कि हम इसे सेफ, प्राइवेट और आपके कंट्रोल में रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.nयूजर्स के पास स्टोरी होगी लोकेशन हिस्ट्रीnआप जिस जगह पर जाते हैं ‘Maps Timeline’ फीचर उस लोकेशन को याद रखने में मदद करता है. ये सब चीजें लोकेशन हिस्ट्री सेटिंग के जरिए चलती हैं. टेक दिग्गज ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि जो यूजर्स लोकेशन हिस्ट्री को एक्टिव रखने का ऑप्शन चुनते हैं, जो डिफॉल्ट तौर पर बंद रहता है, उनका टाइमलाइन डेटा जल्द ही सीधे उनके डिवाइस पर स्टोर किया जाएगा, जिससे पर्सनल डेटा पर बेहतर कंट्रोल मिलेगा.nपुलिस को नहीं मिलेगी लोकेशन की जानकारीnजब लोकेशन हिस्ट्री सीधे यूजर्स के डिवाइस में सेव होगी तो पुलिस गूगल से लोकेशन की जानकारी नहीं ले पाएगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पुलिस मामूली मामलों में भी गूगल से लोकेशन मांगती है. इनमें ऐसे केस भी शामिल रहते हैं जिनमें उन लोगों की भी लोकेशन डिटेल मांगी जाती है, जिनका क्राइम से संबंध नहीं होता है. एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए गूगल मैप्स के नए अपडेट को अगले साल जारी किया जाएगा.