संसद की सुरक्षा के चूक मामले में मुख्य आरोपी ललित झा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है. स्पेशल सेल की पूछताछ में ललित ने बताया है कि किसी भी तरह से वह अपनी बात पहुंचाना चाहता था. इसके लिए दो प्लान बनाए गए थे. अगर प्लान ए फेल भी हो जाता, तो प्लान बी के जरिए संसद में सेंधमारी की जाती. इससे मालूम चलता है कि आरोपियों ने किस तरह की प्लानिंग के जरिए संसद में घुसपैठ की थी. nललित झा ने पूछताछ में बताया है कि तय किया गया था कि हर हाल में अपनी बात को पहुंचाना है. इसके लिए 13 दिसंबर के लिए 2 प्लान बनाए गए थे, जिसमें से एक प्लान A और दूसरा प्लान B था. संसद में घुसपैठ मामले में कुल मिलाकर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद और ललित झा शामिल है. गुरुग्राम से विक्की नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा महेश और कैलाश भी अरेस्ट हुए हैं.nक्या था प्लान ए और प्लान बी? nप्लान ए के तहत संसद के भीतर मनोरंज डी और सागर शर्मा को जाना था, क्योंकि उनके विजिटर्स पास बने हुए थे. इसी प्लान के तहत संसद के बाहर अमोल और नीलम ट्रांसपोर्ट भवन की ओर से संसद के करीब जाएंगे और वहा कलर बम जलाएंगे. आरोपियों ने प्लान ए के तहत ही काम किया और संसद में घुसकर मनोरंजन और सागर ने स्मॉक बॉम्ब का इस्तेमाल किया. ये दोनों विजिटर्स गैलरी से सीधे सदन में कूद गए थे और स्मॉक बॉम्ब जला दिया था, जिससे पीला धुआं फैल गया.nप्लान बी के तहत तय किया गया था कि अगर किसी वजह से नीलम और अमोल संसद के करीब नही पहुंच पाते, तो उनकी जगह महेश और कैलाश दूसरी तरफ से संसद के करीब जाते. वे मीडिया के कैमरों के आगे कलर बम जलाते और नारेबाजी करते. लेकिन 12 दिसंबर की रात महेश और कैलाश जब गुरुग्राम में स्थित विक्की के घर नही पहुंचे तो अमोल और नीलम को हर हाल में ये काम करने का जिम्मा सौंपा गया.nघुसपैठ के बाद छिपने का प्लानnसंसद में घुसपैठ की घटना को अंजाम देने के बाद ललित ने छिपने का प्लान बनाया था. इस प्लान में महेश को जिम्मेदारी दी गयी कि जब वो पुलिस से बच कर दिल्ली से निकले तो राजस्थान में उसके छिपने में मदद की जाए. महेश लेबर का काम करता है. कैलाश और महेश मौसेरे भाई है. महेश ने अपनी आईडी पर ललित को एक गेस्ट हाउस में कमरा दिलवाया था. ललित, महेश और कैलाश तीनों लगातार टीवी पर इस पूरे मामले की जानकारी ले रहे थे.