नए साल की शुरुआत में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी खुशखबरी दी है। करीब सवा करोड़ कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत देते हुए सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में लागू 7वें वेतन आयोग की मियाद जनवरी 2026 में समाप्त हो जाएगी और इसके तुरंत बाद 8वां वेतन आयोग लागू किया जाएगा।
ये फैसला न केवल कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी लाएगा, बल्कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन में भी बड़ा इजाफा करेगा।
क्या है फिटमेंट फैक्टर और इसका असर?
कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन का निर्धारण फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है। हर वेतन आयोग के साथ सरकार इस फैक्टर को लागू करती है, जो ये तय करता है कि सैलरी और पेंशन में कितना वास्तविक इजाफा होगा।
7वें वेतन आयोग का अनुभव
- फिटमेंट फैक्टर: जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तो कर्मचारियों ने 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग की थी, लेकिन सरकार ने 2.57 का फिटमेंट लागू किया।
- मिनिमम सैलरी: इसके तहत कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई।
- मिनिमम पेंशन: पेंशन भी 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गई।
मैक्सिमम सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी
- 7वें वेतन आयोग के बाद मैक्सिमम बेसिक सैलरी 2.5 लाख रुपये हो गई।
- मैक्सिमम पेंशन 1.25 लाख रुपये तक पहुंच गई।
8वें वेतन आयोग में क्या हो सकती है सैलरी और पेंशन?
कर्मचारी संगठनों ने इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 की मांग की है। हालांकि, संभावना है कि सरकार इसे 1.92 तक सीमित कर सकती है।
1.92 फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर:
- मिनिमम सैलरी: 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो सकती है।
- मिनिमम पेंशन: 9,000 रुपये से बढ़कर 17,280 रुपये हो जाएगी।
2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर:
- मिनिमम सैलरी: 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी।
- मिनिमम पेंशन: 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए राहत
8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन में भी भारी वृद्धि देखने को मिलेगी। ये फैसला न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि आर्थिक रूप से उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
मोदी सरकार का ये कदम कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण तोहफा है। 8वें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को लेकर क्या अंतिम फैसला करती है।