महाकुंभ में स्वामी कैलाशानंद गिरि की शिष्या Harsha Richhariya इन दिनों सोशल मीडिया और धार्मिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या वे गृहस्थ जीवन अपनाने, शादी करने और परिवार को समय देने का सोच रही हैं, या फिर सन्यासी जीवन में ही संभावनाएं तलाश रही हैं।
“स्कोप वाली बात नहीं, बल्कि प्राथमिकता की बात है”
हर्षा ने स्पष्ट किया कि ये स्कोप की बात नहीं है। उन्होंने कहा, “जहां मैं पहले काम कर रही थी, वहां ज्यादा स्कोप था। मैंने वहां नाम, काम और पैसा सब कुछ कमाया।” उनके मुताबिक, वे अभी गृहस्थ जीवन को पूरी तरह नहीं त्यागी हैं। हालांकि, वे अपने परिवार से दूर रहती हैं और कुछ महीनों में एक या दो बार ही उनसे मिल पाती हैं।
“गृहस्थ जीवन या सन्यास? समय बताएगा”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे गृहस्थ जीवन अपनाएंगी या सन्यास लेंगी, तो हर्षा ने जवाब दिया, “अभी कुछ भी निश्चित नहीं है। ये पूरी तरह से भविष्य और ईश्वर की मर्जी पर निर्भर करता है। मैंने अभी तक ये तय नहीं किया कि मैं सन्यास लूंगी या नहीं।”
क्या धर्म और गृहस्थ जीवन साथ चल सकते हैं?
सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों ने भी ये जानने की इच्छा जताई कि हर्षा शादी करेंगी या धर्म के प्रचार-प्रसार में जुटी रहेंगी। इस पर हर्षा ने कहा, “ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि आप गृहस्थ जीवन जीते हुए धर्म का काम नहीं कर सकते। कई लोग हैं जो परिवार संभालते हुए भी धर्म के लिए काम कर रहे हैं। यह व्यक्ति की प्राथमिकता पर निर्भर करता है।”
“अभी धर्म सेवा ही मेरी प्राथमिकता”
हर्षा रिछारिया ने साफ किया कि वे फिलहाल धर्म और लोगों को जागरूक करने पर फोकस कर रही हैं। “अभी शादी और परिवार पर ध्यान नहीं दिया है। मेरी प्राथमिकता धर्म सेवा और समाज में जागरूकता फैलाने की है,” उन्होंने कहा।
क्या कहता है भविष्य?
हर्षा ने अंत में कहा, “आने वाला समय बताएगा कि ईश्वर की क्या मर्जी है। फिलहाल मेरा उद्देश्य धर्म के लिए काम करना और लोगों को जीवन की सच्चाइयों के प्रति जागरूक करना है।”