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ISRO ने रचा इतिहास, सूर्य मिशन-आदित्य एल1 लैग्रेंज प्वाइंट में हुआ एंटर

इसरो का पहला सूर्य मिशन-आदित्य एल-1 लैग्रेंज प्वाइंट में दाखिल हो गया है. लैग्रेंज प्वाइंट वो जगह है…जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच ग्रेविटी जीरो यानी खत्म हो जाती है. हेलो कक्षा में  एल1 प्वाइंट के चारों ओर सैटेलाइट के जरिए सूर्य को लगातार देखा जा सकता है. इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव के जानकारी मिलेगी.nआदित्य एल1 मिशन का लक्ष्य सूर्य का अध्ययन करना है. ये मिशन सात पेलोड लेकर गया था, जो सूर्य की अलग-अलग परतों पर रिसर्च करने में मदद करेंगे. इस मिशन का उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप, सूर्य के धधकने से जुड़ी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं और अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझना है. nबता दें कि, सूर्य अध्ययन करना काफी चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि, इसके सतह का तापमान लगभग 9 हजार 941 डिग्री फारेनहाइट है. अब तक सूरज के बाहरी कोरोना का तापमान भी मापा नहीं जा सका है. इसी को देखते हुए आदित्य एल1 पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी के लगभग एक प्रतिशत दूरी 15 लाख किलोमीटर पर मौजूद एल1 की पास की कक्षा में स्थापित किया गया है.nवहीं, आदित्य एल1 के लैग्रेंज प्वाइंट में स्थापित होने पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘भारत ने एक और माइलस्टोन हासिल किया है. भारत की पहली सोलर ओबजर्वेटरी आदित्य-एल 1 अपनी मंजिल तक पहुंच गई. यह सबसे जटिल अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं देशवासियों के साथ इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करता हूं. हम मानवता के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाते रहेंगे.’ 

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